कुछ लोग मेरी प्रोफइल ऐसे झांककर चले जाते हैं,
जैसे उनकी बकरी चोरी हो गई हो,
और वो बकरी मैने ही चुराई हो 😎-
❝ इश्क़ की गली में यूँ तन्हा न छोड़ जाओ,
सिंगल कल भी थे और अब भी हैं,
ये एहसास भूल जाएंगे,
गर तुम साथ तो आओ ❞-
❝इश्क़ की गली में हैं
जरा एक कदम आगे तो जाने दो,
तन्हा सिंगल ही सही
उनसे मिलकर तो आने दो,
बड़ी देर कर दी हमने
अब उनमे खुदको खो तो जाने दो..❞-
❝ वो कहती रही इश्क़ है ग़र हमसे तो कह दो,
उनके मुँह से सिंगल लफ्ज़ न निकला,
वो देखती रही उनको और वो,
उसके अल्फाज़ो की धुन में, कहीं खोते चले गए....❞-
❝लिखते रहे उनके लिए अफ़साने उनने एक बार हमें देखा भी नहीं
और जब देखा उन्होंने मुड़कर हमें
हम सिंगल लफ़्ज भी न लिख सके
वो मुस्कुरा कर फिर चले गए
और हम यूँ ही सिंगल तन्हा फिर रह गए❞-
जिसने सारी जिंदगी हमारे लिए कुर्बान कर दिया,
उनके लिए एक सिंगल दिन दिया हमने...-
वो अज़नबी ही सही अपने से लगे,
मिलें यूँ अचानक फिर भी ख़ास से लगे,
सिंगल बहाना मिला उनसे बात करने का,
पर वो हमारी बातों को अनसुना कर गए...-
जब इल्म हुआ इस बात का,
की हम उनके हो गए हैं!
तब वो सिंगल बार मिलने
से भी कतराने लगे...-
कभी कभी ज़िन्दगी में कुछ अपने मिलते हैं
अज़नबी ही सही पर अपने लगते हैं.☺️-