नादां ना समझ पाया
कि चांद बहुत दूर था
और भरम टूटा तो समझा
वो दो पल का सुरूर था-
जिंदगी का एक एक पल
फिसलता चला गया
किताबों में उन यादों में
जिंदगी को जीता चला गया
बीते पल लौट कर नहीं आते
पर गुज़रे यादों में हर लम्हें को
ताज़ा करता चला गया-
जिंदगी।।
जिंदगी में सुबह नहीं
अब शाम होती है,
कसूर नहीं जिंदगी का
फिर भी बदनाम होती है,
बीते पलों की तरह,
दर्द बन जाता है
हर नया पल यहां,
खुृृश रहने की एक और
कोशिश नाकाम होती है,
ये जिंदगी रोज़ एक नया
इंतकांम लेती है,
बुलंद है हौंसला,
खुला है आसमान,
फिर एक नयी सुबह का
इंतजार करती है,
शुक्र है रब का
ये जिंदगी देने के लिए,
तन्हा जिंदगी में मेरी
जिंदगी भी मेरा साथ देती है,
कुछ इस तरह गुजारा करती है,
मैं जिंदगी से, जिंदगी मुझसे
प्यार करती है। ।-
रास्ता तेरी तरफ का
अब मोड़ लिया मैंने
चाह कर भी
अब जाना छोड़ दिया मैंने
हर दर्द से रिश्ता
अब तोड़ दिया मैंने
फिर से अब उस गली अब
जाने का सोचना छोड़ दिया मैंने-
अब बाहर निकलना है
जिंदगी में अपने
अब उसको हासिल करना है
जानती हूं कि मुश्किल है
पर हर संघर्ष को पार करना है-
कि जो जैसा दिखते है
वो वैसे होते नहीं हैं
जिंदगी कि हकीकत में
जो अपने होते हैं
वो साथ नहीं छोड़ते हैं
और साथ छोड़ते हैं
वो अपने नहीं होते हैं-
जो कहे नहीं जाते
कुछ एहसास ऐसे थे
जो छुपाए नहीं जाते
कुछ रिश्ते ऐसे थे
जो छोड़े नहीं जाते
कुछ मजबूरियां ऐसे थे
जो सुलझाए नहीं जाते-