चंद मुलाकातों कि बातें
कि असर यूं कर जाएगी
न चाहते हुए भी
यूं दिल हार जाएगी
सारे दिन की बातें
यूं तुमसे कह जाएगी
अच्छी बुरी हालातें
यूं कुछ असर कर जाएगी
मन में सिर्फ़ तुमको
यूं पन्हा दे पाएगी
अपनी जिंदगी में सिर्फ़ तुमको
यूं प्यार से अपनाएगी-
दिल ने समझ ली
दिल के जज़्बात
दिल में रह गई
आरज़ू तो बहुत है
इस नादान दिल की
कुछ हालात ऐसी आई
कि अरमान दिल में दब गई-
जैसी भी परिस्थिति हो
अपने आप को ढाल लेता है
आए कितनी भी उलझने
पर दर्द में भी खुद मुस्कुरा देता है-
कुछ होने के लिए
अचानक समस्या आ जाती हैं
उसको सुलझाने के लिए
अचानक ही कुछ हल करनी होती हैं-
बस यही आरज़ू हो
मेरे जज्बातों में तुम हो
हर पल सिमरन तेरी हो
अंखियन में बसे सिर्फ तुम हो-
बस तुम मेरे साथ हो
ना कोई बंदिश हो
ना कोई रंजिश हो
गिले शिकवे कि ना कोई डोर हो
प्रेम की ध्वनि बस चारों ओर हो-
अरमान दबी दबी सी
कहना जो चाहे
वो जज़्बात दबी दबी सी
एहसासों के घेरों में
कुछ हालात दबी दबी सी
फिर भी दिल माने
ये खुमार दबी दबी सी-
नटखट गोपाल तेरी लीला न्यारी री
माथे पे मोर पंख, हाथ मे बाँसुरी
पैरो में बंधे पेजूनिया करे शोर प्यारी री।
हे गिरधर गोपाल तेरी छवि सुहानी री।
ठुमक-ठुमक,तेरी चलन मनभावन री,
कमरबंध की घुंगरू, कानन में कुंडल
सर में मोरपंख मनभावन री।
हे नटवर-नागर तेरी छवि सुहानी री।-