Singh Shashi   (#solesoullekhikaa#)
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Stop wearing your wishbone where your backbone ought to be..
Joined 6 March 2020


Stop wearing your wishbone where your backbone ought to be..
Joined 6 March 2020
31 JUL 2022 AT 12:53

Need no pity just understanding sometimes u win, sometimes the pain
You can't keep fighting unseen stabbing forces in vain
One needs to give in to gather self again..
I call it truce with time and almighty himself
Taking needful little break from minor to major heartbreak..
Yeah !! Not giving up just gearing up..

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28 JUL 2022 AT 19:36

देख न माँ, मेरी खामोशी मांगते हैं सब
मेरे अकेले बंद कमरे में रहना अब खटकता नहीं किसी को
तु थी तो खामोशी कोसो दूर थी
दो पल ना दिखुऊ तो तबीयत पूछती रहती थी
बिन रूठे मनाया करती थी मुझे
आज कोई नहीं पूछता मम्मा
यहाँ सब मांगते तो बस चुप्पी मेरी
ये मांगू मैं अब तुझसे ही
सिखा दे चुप रहना जैसे तु हो गई बस पलभर मे ही

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21 JUL 2022 AT 14:31

दम तोड चुका है साथी तेरा साथ यहीं
उम्मीद नहीं कुछ बाकी अब इस बीतते वक्त से भी

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14 JUL 2022 AT 19:24

समझो आईने से साफ है जिंदगी
ढूंढो ना तुम मुस्कराहट मे कोई कमी


#love #maa #2021stuck

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21 JUN 2022 AT 21:16

इस थमी हुई जिंदगी मे
चलूँ जो मैं आगे सासें ये सहम जाती हैं तेरे बिना
ओ माँ मेरी

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13 JUN 2022 AT 1:59

फर्क तो अपनी-अपनी सोच में ही है
वर्ना माँ किसी महबूबा से कम नहीं होती है
निस्वार्थ दिलदार प्यार लूटती है अपनो पर
माँ तो आखिर माँ होती है
हर रिश्ते में बेशुमार रंग वो भर देती है
सभी की कमी उसकी मौजूदगी पूरी कर देती है
पर उसकी कमी कर सके ना कोई कभी पूरी
माँ सिर्फ माँ नहीं होती है,
होती वो अपनो कि जमीन-ओ-आसमान है
उसमे ही बसी पूरी दूनिया का एहसास होता है
माँ माँ माँ बस माँ सबसे अलग सबसे प्यारी महबूबा मेरी
तु खो गई जाने कहाँ गूम हो गई
आऐ ना अब मेरी प्यारी महबूबा कही नज़र ।।

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4 JUN 2022 AT 18:19

झुमका, कंगन, हार ना चाहु, चाहे मन ये मेरा हार तेरी बाहो का ही
मोती कि साडी की चमक नहीं अपनी मोहब्बत से चल चमकाते हैं किस्मत ये अपनी
जलाना क्या लोगो को है अब यकीन दिलाना होती है सच्ची मोहब्बत भी
तु साथ होग तो होंगी सारी खुशियाँ अपनी ही

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4 JUN 2022 AT 18:03

छूपी है दास्तान कई
अनकही अनसुनी
बेशुमार यादो की लड़ी

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24 APR 2022 AT 15:26

धुंधली है कुछ हकीक़त इनकी भी

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24 APR 2022 AT 11:22

माँ मम्मा आई ओ मेरी माई
मम्मा कहने को बड़ा दिल करता है
बदले में तुझसे हाँ बच्चा सुनने को मन करता है
इच्छा ये अब होगी ना पूरी कभी सोच दिल मेरा जीने से डरता है
दिल चाहता है कोई भयंकर सपना हो ये बस
तु चिमटी मार के मम्मा उठा दे अब मुझे बस
हो मेरे सामने तु कहती कितना सोऐगी ससीयावा अब बस
माँ मम्मा आई ओ मेरी माई
माँ मम्मा आई ओ मेरी माई
यादो का ये कांरवा थमता ही नहीं
नवम्बर बारह कि वो खामोश डरावनी शाम बिती नहीं
माँ क्यु गई तु छोड़कर हमे यहीं
तेरा छाया ओर साया मिलता नहीं अब हमे कहीं
जाने कैसी लहर ये चली
आंधी भरा मौसम देख थमता ही नहीं
तु हमसे नहीं है अस्तित्व हमारा तुझसे ही मम्मा
तु ही पहचान है हम सरमाया तेरे हैं
मन में सवाल ये नहीं की तु कहाँ है ?
गुस्सा तो इस बात का है की तु क्यु यहाँ पास मेरे नहीं हे
ममता से तेरी हो गए कितने दुर हम सभी
माँ मम्मा आई ओ मेरी माई
दूरियाँ ये तेरी छूने लगी हैं
जीने से लगता है अब तो डर ही
माँ तु सुन ले मुझको अब तो

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