येह बात अलग,
वह बात अलग,
क्या - क्या बात अलग,
इश्क़ और मोहब्बत में,
दोनों की जात अलग - अलग।-
उसके गाल की तिल और,
माथे की लाल बिंदी,
चांद को नाराज करती है,
चांद से ज्यादा अल्ताफ़,
हर रात,
चांद को परेशान करती है।-
तेरे सजदे में सर झुकाऊँ जहाँ,
दे दे तू इतनी इज्जात मुझे वहाँ,
मैं मान कर खुदा कर लूं तुझे जहाँ,
अपनी मोहब्बत की हिफाज़त है वहाँ,
तेरा इश्क़ ही मेरा है खुदा वहाँ,
मैं कर लू बस तेरी इबादत जहाँ।-
छोड़ कर जा रहा हूँ, और हो सकता है कि फिर मुलाकात हो या न हो पर आप सब का स्नेह भरा प्रेम मेरे अच्छे और बुरे हालातों में भी बने रहेंगे और आशा करता हूँ कि आप सब अपने मंजिल तक खुशियों के साथ पहुँचे। आपने मुझे बहुत सारा प्यार दिया उसके लिए बहुत - बहुत शुक्रिया अदा करता हूँ आप सभी लोगों का।
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सभी शिक्षकगण द्वारा हमें दिए गए उनके ज्ञान, संस्कार और संस्कृति को एक सूत्र में बांधते हुए,
उनके मार्गों को अनुशरण करते हुए प्रतिदिन उनके आदर्शों अनुपालन करते है,
और यही अपने शिक्षकगण के प्रति हमारी सच्ची गुरूदक्षिणा है।-
तुम्हारे गालो और होंठो को चूमने वाले बहुत मिलेंगे तुम्हें जानेमन,
तुम्हारे माथे को चूमने वाला हमारे अलावा तुम्हे कहा मिलेगा जानेमन।-
गर तुम जिंदा हो तो चीखों,
वरना ख़ामोशी से भर जाओगे,
जीते - जी खुद में खुद मर जाओगे।-
कादंबरी के तरफ भागने वाले प्रभाकर को,
एक पिता तिरोधार से पहले उसे बांधने चला है,
अपने बेबस मस्तक पर शिकन रखते हुए,
नन्दिनी को तिमिर से पहले तलाशने चला है।-