Singh Ratna ‘मन’   (SR जिंदगी ‘मन’ 💞💞💞)
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मेरे तुम्हारे मन के रिश्ते का बस यही अर्थ "तुम बिन मैं व्यर्थ" 💕💕💞
Joined 5 October 2023


मेरे तुम्हारे मन के रिश्ते का बस यही अर्थ "तुम बिन मैं व्यर्थ" 💕💕💞
Joined 5 October 2023
10 OCT 2023 AT 17:50

साथ तेरा मिले बन्दगी के लिए
अपनी चाहत भरी रौशनी के लिए...।
जब बसे हो तुम्ही दिल-जिगर में तो फिर
मुझको क्या चाहिए जिन्दगी के लिए...।।

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10 OCT 2023 AT 17:45

कैसे बताऊं तुम्हे मेरे लिए तुम कौन हो
तुम धड़कनों का गीत हो
जीवन का संगीत हो
तुम जिन्दगी तुम बंदगी
तुम रोशनी तुम ताजगी
हर ख़ुशी प्यार हो
प्रीत हो मनमीत हो
आंखो में तुम यादों में तुम
नीदों में तुम ख्वाबों में तुम
तुम हो मेरे हर बात में
तुम हो मेरे दिन रात में
तुम सुबह में तुम शाम में
तुम सोच में तुम काम में
मेरे लिए पाना भी तुम
मेरे लिए खोना भी तुम
मेरे लिए हंसना भी तुम
और रोना भी तुम
और जागना सोना भी तुम
जाऊं कहीं देखू कहीं
तुम हो वहां तुम हो वहीं
कैसे बताऊं तुम्हे
तुम बिन तो मै कुछ भी नहीं

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7 OCT 2023 AT 18:54

प्यार ने...प्यार को...प्यार से संवारा है...
प्यार के बिना ना....एक पल गुजारा है...
प्यार को सिर्फ....प्यार की ही चाहत है...
प्यार में डूबे का.... प्यार ही किनारा है...

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7 OCT 2023 AT 0:50

मेरे सर्वस्व की पहचान
ममता की मूरत मेरी जान
अपने आँचल की देती छाँव जो
वो है मेरी माँ।

ममता की वो लोरी गाती
मेरे सपनों को सहलाती
गाती रहती, मुस्कराती जो
वो है मेरी माँ।

प्यार समेटे सीने में अपने
सागर सारा अश्कों में बांधे
हर आहट पर मुड़ आती जो
वो है मेरी माँ।

दुख मेरे जो समेट जाती
सुख की खुशबू बिखेर जाती
ममता की रस बरसाती जो
वो है मेरी माँ।

मेरी खुशियों में तू शामिल होकर
अपना हर गम भुला देती है
बलाएं लेकर मेरी मुस्कुराती जो
वो है मेरी माँ।

मां... आप बहुत बहुत बहुत याद आती हो...

आपके चरणों में मेरा जीवन सारा 💐💐💐 सादर नमन 🙏🙏🙏

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6 OCT 2023 AT 23:57

चुपचाप सुलगता है दिया तुम भी तो देखो...
किस दर्द को कहते हैं वफ़ा तुम भी तो देखो...

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6 OCT 2023 AT 20:31

बाधाएँ आती हैं आएँ
घिरें प्रलय की घोर घटाएँ,
पावों के नीचे अंगारे,
सिर पर बरसें यदि ज्वालाएँ,
निज हाथों में हँसते-हँसते,
आग लगाकर जलना होगा।
क़दम मिलाकर चलना होगा।

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6 OCT 2023 AT 8:34

06.10.23
किया है प्यार जिसे हमने जिंदगी की तरह,
वो प्यार भी मिला हम से अजनबी की तरह...
किसे ख़बर था बढ़ेगा कुछ और अंधियारा,
छुपेगा वो किसी बदली में चाँदनी की तरह...
बढ़ा के प्यास मेरी उस ने हाथ छोड़ दिया,
वो कर रहा था मुरव्वत भी दिल-लगी की तरह...
सितम तो ये है कि वो भी न बन सका अपना,
कबूल हम ने किए जिसके ग़म भी ख़ुशी की तरह...
कभी न सोचा था हम ने की ऐसे बदलेगा वो,
करेगा हम पे सितम वो भी खुदगर्जी की तरह...

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6 OCT 2023 AT 0:47

समंदर जितना SYLLABUS है
नदी जितना PADH पाते हैं
बाल्टी जितना YAAD होता है
गिलास भर LIKH पाते हैं
चुल्लू भर NUMBER आते हैं
उसी में DOOB के मर जाते हैं
😜😜😜😂😂😂

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6 OCT 2023 AT 0:32

तुम्हारे बिना जिंदगी मुझसे जी नहीं जाती,
यह बता दो की खाली मन की गहराइयों से मैं लड़ूं...
तुम तो योद्धा हो लड़ाके हो हर बार लड़ जाते हो,
यह बता दो की घर में अकेले तन्हाइयों से मैं कैसे लड़ूं...
घर के हर कोने में बस तुम ही नजर आते हो,
यह बता दो कि यादों की परछाइयों से मैं कैसे लड़ूं...
तुम तो महफिल कि शान हो और कईयों की जान हो,
यह बता दो कि भीड़ में भी मिली रुसवाईयों से मैं कैसे लड़ूं...

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6 OCT 2023 AT 0:12

खामोशी से बिखरना आ गया है,
हमें अब खुद उजड़ना आ गया है...
किसी को बेवफा कहते नहीं हम,
हमें भी अब बदलना आ गया है...
किसी की याद में रोते नहीं हम,
हमें चुपचाप जलना आ गया है...
गुलाबों को तुम अपने पास ही रखो,
हमें कांटों पे चलना आ गया है...।।

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