'LESS COMPETENT SHOULDN'T JUDGE THE MORE COMPETENT :-
-
---मेरी रूह की रिहाई का जश्न तुम मना लेना ! 🥲
दिल की बात साफ साफ बता देना चाहिए..
क्योंकि बता देने से, फ़ैसले होते है और ना बताने से' फासले...
🥲
-
ईश्वर तुम माफ़ीनामा लिखो____ये जरूरी है उन लोगों के लिये जो अकेले में रोना जानते हैं । क्यूंकि तुमने पत्थर जैसे हृदय वालों के बीच कुछ भाव से भरे हृदय को रच कर : सबसे बड़ी ग़लती की है !
-
हमदर्दी जताता था तो मुझे हमदर्द लगा वो ! बस इसी भरम नें बड़ी तकलीफ़ दी मुझे.!
-
इतना आसान कहाँ है मन का करना ! बहुत सारे प्रलोभन छोड़ने पड़ते हैं । बहुत से अपनों को नाराज़ करना होता है।
-
अच्छे वक़्त से अच्छा बुरा वक़्त होता है., पता है क्यों? क्योंकि बुरे वक़्त में अच्छे भी बुरे हो जाते हैं!
पता है? यह जो लोग कहते हैं ना? कि बेटा तुमने अभी दुनिया नहीं देखी है____बिल्कुल सही कहते है' क्योंकि अगर तुम बगैर बुरे वक़्त के दुनिया देख रहे हो___तो फिर तुम इंसान नहीं हो||-
कभी मुड़कर देखना कहानी अपनी, कैसे सम्भाला है तुमने खुद को हर बार बिखरने पर ।
-
मेरी कहानी बनी बंद आँखों का पानी!
खुद ही सुनो मै सुनो मै दिल की ज़ुबानी!!
अपनी वफ़ा से है! की मैने बेवफ़ाई!
मेरी ही दुनिया क्यों मुझको समझ में ना आई?
—था निभाना प्यार चाहा!
जब मिला तो निभा ना सके!
सारी खुशिया गम बनी जो...
—जो गिला हम कर ना सके...??
🚾-
मनुष्य अपने एकांत में सबसे अधिक सुंदर है और सबसे अधिक सुखी भी... किंतु साधारण मनुष्य यह देख नहीं पाता, और यदि देखता है तो सह नहीं पाता...,,
-
जितना गहरा रिश्ता उतनी ज़्यादा उम्मीद...,
जितनी ज़्यादा उम्मीद उतनी गहरी चोट___-