जिसको जाना था वो चला गया
बस दर्द मेरे पास रह गया !!— % &-
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कहाँ जायेंगें हम बिन तुम्हारे
हमारे पैर चलते जा रहे है ,
तेरी सूरत से मिलती ही नहीं है
कितनी तस्वीर देखे जा रहे है !!— % &-
मेरे हबीब तू किसी और जहां ले चल मुझ को
यहाँ दैर - ओ - हरम के बहुत झगड़े है !!— % &-
मैं हर क़दम पर ये सोचता हूँ
बग़ैर तेरे क्या कुछ रहेगा ,
तेरे ख्यालों को दफ़्न करके
तेरी तमन्ना से दूर जा के !!
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आज भी निशाँ है उन खरोचों के पीठ पर मेरी
तुमनें नाखूनों से दिये थे जो एक रोज़ मुझको !!-
यूँ ही नहीं मैं इस ज़िस्म की हिफाज़त में लगा हूँ
मेरा चेहरा बसा हुआ है उसकी आँखों में !!-
वो सितमगर है बख़ूबी मैं जानता था उसे
इश्क़ करने के लिए और कोई था भी नहीं !!
जब भी मिलता है मेरे ज़ख़्म हरे करता है
मुझ से नाराज़ भी है और मुझे भूला भी नहीं !!-
कई रातों से मैं सोया नहीं हूँ
भटकती फ़िर रही है नींद मेरी आँखों में !!-
सादगी से ये तेरा हँस देना
मैं ये समझा कोई इशारा तो नहीं
अभी भी नब्ज़ चल रही है मेरी
जान से तुम ने मुझे मारा तो नहीं !!-