घर का बोझ उठाने के लिए लिए एक इस्त्री कमाने बाहर जाती है दरिंदगी का शिकार होकर बीच सड़क पर नोची जाती हैWorld wowan day -
घर का बोझ उठाने के लिए लिए एक इस्त्री कमाने बाहर जाती है दरिंदगी का शिकार होकर बीच सड़क पर नोची जाती हैWorld wowan day
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जब मैं खुद को बयां नहीं कर पाया Iतब मैने खामोशी का सहारा लिया II -
जब मैं खुद को बयां नहीं कर पाया Iतब मैने खामोशी का सहारा लिया II
जरुरत से ज्यादा समझदारी Iइंसान की खुशिया खा जाती है II -
जरुरत से ज्यादा समझदारी Iइंसान की खुशिया खा जाती है II
मेहनत से ऊंचे सपनों का सम्राट हों जाना Iइतना आसान नही है विराट हों जाना II -
मेहनत से ऊंचे सपनों का सम्राट हों जाना Iइतना आसान नही है विराट हों जाना II
फर्क नही पड़ता दुनिया की नजरो में क्या हूँ IIक्योंकि उन से ज्यादा खुद को अन्दर से देखा है मैने II -
फर्क नही पड़ता दुनिया की नजरो में क्या हूँ IIक्योंकि उन से ज्यादा खुद को अन्दर से देखा है मैने II
गुजारा ही तो कर रहा हु IIआवारा ही तो फिर रहा हूँ Iजब से छोड़ कर गई वो में Iकुंवारा ही तो फिर रहा हूँ II -
गुजारा ही तो कर रहा हु IIआवारा ही तो फिर रहा हूँ Iजब से छोड़ कर गई वो में Iकुंवारा ही तो फिर रहा हूँ II
खुद से कुछ इस तरह शर्मिंदा हूँ Iपल पल मर रहा हूँ मगर ज़िंदा हू II -
खुद से कुछ इस तरह शर्मिंदा हूँ Iपल पल मर रहा हूँ मगर ज़िंदा हू II
एक शख्स है जो मुझ में घरकर गया Iघरकर के पता नहीं फिर किधर गया II -
एक शख्स है जो मुझ में घरकर गया Iघरकर के पता नहीं फिर किधर गया II
परिंदा हु जनाब उड़ने का शौक रखता हू lऊचाई कितनी है वो मायने नही रखता ll -
परिंदा हु जनाब उड़ने का शौक रखता हू lऊचाई कितनी है वो मायने नही रखता ll
बहुत वक्त लगा खुद को समझने में।जब समझा तब तक वक्त नहीं बचा।। Raaj poetry -
बहुत वक्त लगा खुद को समझने में।जब समझा तब तक वक्त नहीं बचा।। Raaj poetry