कोई मोहब्बत से पेश आए तो चुभन होती है, तेरी बदसलूकी की आदत हो गई थी मुझे..!!
-
inch of hope, will take me to the book.
Writing is my smile. ☺... read more
हर रोज़ नई लड़कियाँ संग सोकर उठ रही होंगी।
कुछ यूँ उसके बिस्तर पे मोहब्बतें लुट रही होंगी।-
यूँ जो बेदार हूँ हर पहर के लम्हातों में,
मैं ख़ुद को ढूँढती हूँ रात के सन्नाटों में।-
उसकी साँसों से उलझे कुछ यूँ साँसों का सफ़र मेरा,
आधे तकिये पे लेटा हो सनम और आधे पे सर मेरा।-
सब भूल गई, ना कुछ जे़हन-ओ-आसमान में रहा,
वो इकलौता शख़्स एसा था जो मेरे ध्यान में रहा।-
ख़ुदा करे तेरी ज़िंदगी में वक़्त की यूँ आजमाइश हो,
तू चौराहे पे बिक जाए, तेरे इश्क़ की भी नुमाइश हो।-
तलबगार-ए-माफ़ी हो तेरी कहानी का किस्सा-किस्सा।
तड़प के माँगे पनाह, तेरे जिस्म का हर हिस्सा-हिस्सा।-
मेरी फ़िक्र साफ़ ज़ाहिर है, तेरे मुस्कराने को,
तेरी मुस्कान काफ़ी है मेरा दिन बनाने को।-
ख़ुद का गिरेबां पकड़, ख़ुद को झकझोड़ देना चाहिए,
मोहब्बत नासूर बन जाए तो उसको छोड़ देना चाहिए।-
दुआ में उठे हाथो को ख़ुदा ऐसे आशना करे,
तू माँगे चाहे जो, तेरी किस्मत तुझे मना करे,
भरी भीड़ में लगे नहीं मेरी तरह ही दिल तेरा,
तुझे ज़र्रा ज़र्रा करके यूँ, इश्क़ मेरा फ़ना करे।-