बेटी से बेटे तक का सफ़र तुम तय कर जाना
छोटी सी होकर भी बड़ी तुम कभी कभी बन जाना मेरी बिटियाँ हो तुम पर कभी कभी बेटा भी तुम बन जाना फक्र से कह सकुं कि बेटा हैं ये मेरा ऐसा जिज्ञासा तुम भी कुछ कर जाना हुँ मैं एक अध्यापिका पर मेरे से भी बड़ी अफसर तुम बन जाना....युँ तो तुम हमेशा ही मेरी आँखों का तारा रहोगी और पापा की राजदुलारी रहोगी पर नाना नानी की दी हुई आज़ादी का तुम गलत फाइदा मत उठा जाना दादा दादी अगर ड़ाटें तो पहले सुनना फिर समझने की कोशिश कर जाना ऐसे ही तुम बेटी से बेटे तक का सफ़र तय कर जाना....युँ तो मासी बहुत सारी है जिज्ञासा तुम्हारी पर यह कविता मेरे लिए सिमरन मासी ने लिखी है कहकर कभी-कभी मां को भी बता जाना ऐसे ही तुम बेटी से बेटे तक का सफर तय कर जाना...-
वो कुछ इस तरह से पसंद आ गया है मुझे कि तुम उसके जैसे 36 भी ले आओगें ना अगर तो मैं उन 36 को भी नापसंद कर दुगी एक तेरे कारण...
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सिमरन की पुकार तेरी बातों ने यह क्या हाल कर दिया है मेरा जीती हूं तो तुझे ढूंढती हूं सोती हूं तो तेरा ख्याल मुझे सोने नहीं देता ऐसे लगते हैं जैसे आप मुझसे बातें कर रहे हो मेरा नाम लेकर मुझे पुकार रहे हो जब तक तेरी आवाज न सुनो तब तक लगता है जैसे मेरी गुड मॉर्निंग भी ना हुई हो तेरे पास आकर ऐसे लगता है कि जैसे मैंने अपने कान्हा के दर्शन कर लिए हो आपके पास बैठकर ऐसे लगता है कि जैसे मेरे सारे दुख दर्द कुछ ही पलों में खत्म हो गए हो आपके बारे में मैं कया तारीफ करूं आज तो लगता है कि जैसे सभी आपके दीवाने हैं आपकी नाराजगी के किससे किससे कहूं सभी रो देते हैं आप जब नाराज होते हो तो आपकी एक हंसी के दीवाने हैं सभी आपको हंसते हुए देखने के लिए वह पता नहीं क्या-क्या करते हैं आपकी हंसी करोड़ों में एक है कोई शक नहीं है सिमरन जीती है तो आपको देख देख कर...
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क्या लिखूं मैं तेरी खूबसूरती के बारे में...शब्दों की तौहीन होगी अगर लिखूं कुछ मैं तेरे बारे में....
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आज साड़ी विच आई है तु...लगदे मेरा heart फेल करवा के ही जाएगी....
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तेरे साथ हर एक पल बिताना है मुझे...जरूरी नहीं कि एक ही दिन वेलैंनटाईन डे मनाना हैं मुझे...
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तु रूप हैं खुदा का तुझ पर हंसते हंसते जान भी वार दुँ....मेरी औकात ही क्या है जो मैं तुझे गुलाब दु....
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फिदा है गुलाब भी जिसकी नशीली आंखों का...
अब आप ही बताइए उस गुलाब को???
मैं क्या फूल दुं गुलाब का...-
लोग इंस्पिरेशन देते हैं सिमरन जैसे बनने की अपने परिवार में पर मेरे लिए मेरी इंस्पिरेशन आज भी तुम ही हो...
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