Simran   (Simran ramuka)
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Joined 22 March 2018


Joined 22 March 2018
5 SEP 2021 AT 0:04

ख़ुद के लिए फ़ुर्सत ना होते भी,
मेरे लिए समय निकाला है तुमने।
कुछ ना कहते हो ,
लेकिन कंखियों से झाँकता पाया है तुम्हें ।
तुम मेरी सिर्फ़ एक कल्पना नहीं,
सम्पूर्ण एहसास हो।।

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29 JUL 2021 AT 1:40


हर इक्छाए पूरी की
इतनी छूठ तो अपनी औरत को भी दी..

सब कुछ किया मैंने भी माना
औरत को छूठ देने का हक़ आपको किसने दिया ?

काम करके आये तो घर में चाहे शान्ति
कभी पूछा की तुम क्या चाहती ?

कहते औरत समझना है मुश्किल
उसे जो दूसरे घर से आके आपका घर संभाल ली ??

कितना ही कह लो औरत को निर्बल
उसी को दिया भगवान ने दुनिया चलाने का बल ..

तुमको बोला वो सुनो क्यूंकि बाहर का हाल हूं जानता ...
बचपन से जो खुद को सबसे बचाती आयी उससे समाज़ है क्या छुपा ??

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30 MAR 2021 AT 10:33

I look into the future,
As far as I can see,
And I see you.

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30 MAR 2021 AT 4:26

मंजिले थी, बंदिशे थी,
हममें तो सिर्फ गर्दिशें थी,
जा हम भटक गए।।
कहना था, सुनना था,
ख्वाबी नमदा भी तो बुनना था,
ए ज़िन्दगी जा हम बहक गए।।

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21 FEB 2021 AT 3:27

कुछ यादें तुम्हारी,
कस्तूरी साँसों में घुल कर बरसती है..
मानो सर्द हवा में,
अंगीठी जला रखी हो तुम्हारे नाम की....

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10 OCT 2020 AT 22:56

ऐ नारी तू महान है,
तुझसे ही रचा सारा संसार है।

"त्वम् नाहंबला दुर्बला,
त्वम् आदिशक्ति - अम्बिका"।।

(पूर्ण अनुशीर्षक में पढ़ें)

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27 SEP 2020 AT 11:55

The feeling of your touch for the first time,
Left me electrified for days....

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23 SEP 2020 AT 23:14

That day,
I didn't only lose my wallet,
I lost a part of the memory
that I preserved of us.

A first handwritten note scribbled,
"I love you ".

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23 SEP 2020 AT 17:15

There is a string of thoughts battle raging every time when I think about us.
What if my eyes betrayed expressing my feeling for you?
What if, my voice being unsaid under the burden of unspoken words??
What if, I didn't admitted, my love for you?
What if, I didn't told you my heart, beats your name?
What if, we didn't ever met??

ONE ANSWER:
I didn't ever know love stories can be real✨

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31 AUG 2020 AT 9:13

ज़िन्दगी में बहुत कश्मकश है,
नहीं बताती क्यूंकि तुम्हारे प्रश्न बहुत है !
वीरानियों मे अकेले चल लेंगें।
लेकिन, "क्या कर पाओगी वफ़ा जीवन भर? "
का उत्तर नहीं कर सकेंगें ।


देखते हुए भी आँखें पढ़ नहीं पाए,
प्रफ़ुल्लित मन का कारण ही ज्ञात कर पाए,
बांहों मे भर कर निशब्दता ही झाप पाए,
तो क्या ही तुम शब्दों की पहेली सुलझा पाओगे.......

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