रिश्तों को इंसान नहीं
उसका वक्त परखता हैं-
Simran Diwakar
(Simran Diwakar)
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Joined 27 April 2020
17 OCT 2024 AT 20:28
अगर दान में दी जा सकती सचमुच
मैं सबसे पहले अपनी उम्र दान में दे देती-
26 FEB 2024 AT 0:14
लिखा है सब ने,एक सितारा टूटने से फलक तनहा नहीं होता
सच तो ये भी है,
उस एक तारे के जितना ,फलक का कोई अपना नहीं होता-
18 NOV 2023 AT 20:52
परायो के बिछाए हुए तो,काँटो पर भी खुशी से चलते हैं
अपनों के बिछाए हुए फूल भी चुभने लगते हैं-
13 JAN 2023 AT 23:58
दर्द उस बेटी का गहरा भी हैं
सिखाती औरो को,पर खुद को समझा लेती है
लिंग भेद का समुंदर,थोड़ा गहरा भी हैं
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17 NOV 2022 AT 22:49
परिवर्तन की शुरूआत थी
घने अंधकार में,
प्रकाश की किरण,की आस थी
जिंदगी ने,उस ठहराव को खो दिया
वक्त को जिसकी तलाश थी
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21 OCT 2022 AT 15:03
जो मिल नहीं सकते,हम उनसे मिलते क्यों हैं?
यादों के वो पन्ने,बार-बार पलटते क्यों है-
17 OCT 2022 AT 20:48
पाया कभी था ही नहीं,इसलिये खो देने का शायद डर भी नहीं
सवाल तो बहुत सारे है,पर पूछने का हक
कल भी नहीं था,और आज भी नहीं-