SiMpi MiShRa   (©Siम्पी Miश्रा)
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Joined 8 December 2019


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22 JAN 2022 AT 0:00

माना कि बात - बात में बैर पालना बुरा है..!!
पर हर बार हर बात सहजता से भूल जाएं,
ये भी कहां भला है..!!

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13 JAN 2022 AT 20:00

प्रेम और भय कभी भी सहभाव हो सकते हैं क्या...??
जिससे प्रेम हो उससे भय कैसे हो सकता
और जिससे भय हो जाए उससे प्रेम हो ऐसा कैसे संभव है..!!

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24 OCT 2021 AT 22:52

कभी-कभी उलझनों से ज्यादा
हमें हमारी सझदारी उलझाती है...!
अजीब रीत है इश्क़ का दिल लेके भी
हमारा दिल दुखाती है..!!

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24 OCT 2021 AT 22:41

ये जरूरी नहीं कि जो हम सोचे, बात हर बार वही हो..!
प्यार अपनी जगह, सरोकार अपनी जगह..
त्योहार अपनी जगह, रोज़गार अपनी जगह..
क्योंकि..
ये जरूरी नहीं कि जो हम सोचे, बात हर बार वही हो..!!

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25 SEP 2021 AT 23:14

क्यों न अपनी कहानी को एक नया मोड़ दें हम....
जो समझ न सके अबतक हमें, अबके क्यों न समझाना ही छोड़ दें उन्हें..!!

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26 AUG 2021 AT 9:07


शायद आपका सवाल ही होगा बेहद खराब..
तभी आया होगा उसका आधा-अधूरा जवाब..!!




【नोट : इसलिए आइंदा से न पूछें किसी को भी एकाधिक बार 'और बताओ'.....बेहद नागवार सवाल!】😐😤

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26 AUG 2021 AT 9:04


I would like to skip this... My hometown is now busy in playing with "khela hobe, khela hottche.!" 😂
And literally, I don't want to play any kind of 'khela - kheli' right now..!!🤦
So pardon me..!💁

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22 AUG 2021 AT 12:37

सकुशल रहें सब 'भाई' जहान के,
रहें सुरक्षित सब 'बहनें'..!

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15 AUG 2021 AT 8:07

कि आज़ाद हूँ मैं भी
अब इस आज़ादी का
एहसास चाहती हूं...!

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2 AUG 2021 AT 21:06

क्यों गफलत में पड़े हैं सब यहाँ..क्यों सब खुद से नाराज़ हैं..?
न गाँव को अपने सुकून की कद्र रही, न शहर को अपनी रोशनी का लिहाज है..!

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