कोशिश कर हूँ उस लम्हे से गुज़रने की
जो गुज़रता ही नहीं है ।-
मंदिर भी बनाओ
मस्जिद भी बनाओ
मगर जब बात हो ज़िंदगी बचाने की
तो बस इंसानियत याद रखो बाक़ी सब भूल जाओ-
जाओ चले जाओ तुम उस शक़्स की बाहों में
जो हमसे ज़्यादा चाहे तुम्हें,
मिल जाएगा उसकी आबरू में फ़क़त सब कुछ तुम्हें
मगर सुकून से गले लगना हो तो याद रखना हम आज भी तुमसे मोहब्बत करते हैं !-
जिसे लगा ना एक भी महीना
किसी और की बाहों में जाने में ,
क्या ही मोहब्बत करी होगी उस बेवफ़ा ने
गुज़रे ज़माने में !-
निपटा लेंगे हर मसले को यूँही हम दोनो,
थोड़ा तुम नज़रंदाज़ कर देना थोड़ा हम नज़रंदाज़ कर देंगे ! ❤️-
ना ही उसे क़दर थी
ना ही उसे फ़िकर थी
क़सूर क्या ही दूँ किसी और को सीमा
लगता है दुआ ही बेअसर थी !
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Dil lagane wale,
Kanhi dil na tod jana
Mohhbat na ho na sahi magar
Jhuthi mohhbat na nibhana-
Nahi sunata main ab kisi ko apni kahani,
Logo ne mere dukh ko kam
Meri khushi ko zyada dekha hai !-