Silent Bird   (baisamahi✍️)
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Joined 4 November 2020


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12 HOURS AGO

अब तक मिटने नहीं दिया आँखों से तेरे क़दमों के निशान
याद है पहली दफा आएं थे जो तुम ख़्वाब मेरे ।।
— baisamahi✍🏻



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25 JUN AT 18:46

दिल को ख़बर ही कहाँ हैं इस ज़माने की
मोहब्बत में नज़र लग जातीं ज़माने की।

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7 JUN AT 20:36

पल दो पल की ख़ुशियाँ मुझे भी नसीब हो गई
उसने मुझे गले क्या लगाया मेरी भी ईद हो गई

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2 JUN AT 19:25

समुद्र क्यों किसी नदी का इंतजार करेगा
समुद्र से मिलने को हर नदी बेताब हैं।
— baisamahi ✍🏻

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29 MAY AT 19:39

जो होती चाहत तो मोहब्बत होती
जो होती बात तो मोहब्बत होती।

जो मिलती नज़र तो मोहब्बत होती
जो आती खबर तो मोहब्बत होती।

जो मिलती राहत तो मोहब्बत होती
जो बनती ग़ज़ल तो मोहब्बत होती

जो धड़कता दिल तो मोहब्बत होती
जो सुनते धड़कन तो मोहब्बत होती

जो देते आवाज़ तो मोहब्बत होती
जो करते मोहब्बत तो मोहब्बत होती
— baisamahi ✍🏻

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15 MAY AT 19:25

मेरे लफ़्ज़ों में भी तुम
मेरी बातों में भी तुम

मेरी चाहत भी तुम
मेरी इबादत भी तुम

मेरा ख़्वाब भी तुम
मेरा हर ख़्याल भी तुम

मेरे इश्क़ का संगीत भी तुम
मेरे दिल की आवाज़ भी तुम

लिखूंँ जब भी मैं तुम्हें
मेरी नज़्म में भी तुम।
— baisamahi ✍🏻

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13 MAY AT 18:30

रूह का श्रृंगार मोहब्बत
है दिल की दौलत मोहब्बत

आंँखों का काजल मोहब्बत
है होंठों की रंगत मोहब्बत ।

धड़कनों की साज मोहब्बत
है तन की महक मोहब्बत ।

जिसे देखें हसीन बना दे
है रब की रहमत मोहब्बत।

हर दिल को रंग दे मोहब्बत
है दिलों की रंगरेज मोहब्बत
— baisamahi ✍🏻

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8 MAY AT 17:25

ज़ख्मों की परत हर एक के आगे खोली नहीं जाती
यह जो मिठास है इश्क़ की लफ़्ज़ों में घोली नहीं जाती

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21 APR AT 19:15

शाम गमों की रफ्ता रफ्ता
ढल जाएंगी
मोहब्बत भी किसी
रोज़ मिट जाएंगी।
ख़्वाब हो जाएंगे आँखों से
ओझल थककर
हां दुआं की आवाज भी ख़ामोश
सब्र में
बदल जाएंगी।
मिट जाएंगे वो पदचिन्ह
जो कभी छोड़ गया इश्क़
इंतज़ार में
किसी कोमल ह्रदय पर
किसी पत्थर की भांति
आतें जाते पतझड़ के मौसम भी
किसी मरूस्थल में
याद के शजर के
नाम से जाने जाएंगे।।

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18 APR AT 19:28

एक बार दस्तक देकर
इश्क़ फिर मुड़कर
छोड़कर नहीं जाता
वो ठहर जाता है दिल के किसी कोने में
वो ठहर जाता है यादों के बिछोने में
वो ठहर जाता है ज़हन की किसी नब्ज़ में
ठहरा रहता है इक लम्बी ख़ामोशी लिए
ठहरा रहता है लौट आने की चाह लिए
ठहरा रहता है जरा सी पनाह की ख़्वाहिश में
एक बार दस्तक देने के बाद नहीं छोड़कर जाता इश्क़
कितने जतन करता है इश्क़
इश्क़ की चाह में
बैठा रहता है इश्क़ इश्क़ की राह में
— baisamahi ✍🏻

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