रोज़ की भाग दौड़ के बाद ये जो दो पल का सुकून मिलता है ना यकीन मानो अब
वो ही जिंदगी है...-
Feeling+ pain + love + words = you.
जब अपनी जिंदगी में कुछ खास ना लगने लगे
तो कभी कभी दूसरों की जिंदगी को मतलब दे देना चाहिए
...अच्छा लगता है-
Teri zindagi ki maya nahi mujhe sanjh banna hai
Teri zindagi ki maya nahi mujhe samjh banna hai
Kaise kahun tujhse ye
Ki mujhe sirf Teri banna hai-
उस चौराहे पर बैठा था कभी वो
अब वहां बैठा ही रह गया
मासूम का बचपन बस भीख मांगता रह गया
किताबें भी बेची जो नहीं पढ़ी खुद
खिलौनों भी मिले जो खेलें नहीं खुद
गुब्बारे भी थे हाथों में जान हथेली पर
मासूम थे वो जो खड़े नंगे तलवों पर
कुछ खाया तूने ये कोई पूछता नहीं
खुद पिए बिन पानी बेचा हर कहीं
हर गाड़ी के आगे बेबस खड़े कई
बस यहीं पूछे घर कुछ कमाया या नहीं
कोई बिछड़ा हैं घर से तो कोई चलाता हैं घर
यूं नहीं चौराहों पर वो हाथ फैलाता अक्सर
तुम कहो सौ बातें या निकलो मुंह फेर कर
नहीं करेगा वो शिकायतें कभी उसके दर पर
नहीं तुम अमीर उस मासूम से ऊपर
छोड़ कर बचपन जो उतरा सड़कों पर
मौसमों से मासूम का कोई मतलब नहीं पर
खेलने की उम्र में जो संभाल रहा छत सर पर
चाहें ना कभी तुमसे कुछ भी वो पलट कर
फिर भी सुन रहा गालियां खड़ा वो सड़कों पर
देखा नहीं बचपन चंद सिक्कों से आगे बढ़ कर
फिर भी तुम कहो की आ जाते कहां से घूम कर
हर जगह लड़ रहा ये भीख मांगता बचपन
घर की चिंता में चिता पे बैठा बचपन
बचा सको अगर तो बचाओं बचपन
लौट कर ना आता बच्चों का बचपन-
Meri hasi ko teri ek jhalak zaruri hai
In ankhon ko teri ek tasveer zaruri hai
Meri zubaan pr har pal Tera naam zaruri hai
Kaise kahun tujhse ki mujhe sirf tu zaruri hai-
जिंदगी में कङवे बोल सिर्फ दो लोग बोलते हैं
एक वो जो तुमसे जल कर राह रोकना चाहेंगे
और दूसरे वो जो सच में तुम्हें जीताना चाहेंगे-
सुनो, तुम लड़ो
लड़ाई करो, झगड़ा करो, चाहे नाराज़ हो जाओ
पर याद रखना की दूर सिर्फ इतना ही जाना
कि दो कदम तुम्हारे हो और दो मेरे क्योंकि
इससे ज्यादा दूरी न मैं बर्दाश्त कर पाऊँगी
न उससे ज्यादा देरी तुम माफ कर पाओगे
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Har rishte ko khatam kar deti hai
Duri badha deti hai pyar bhula deti hai
Kisi ki khushi chura leti hai to
kisi ko ghum me rehna sikha deti hai
Har yaad ko teri Baat ko kadwa bna deti hai
Ek galatfehmi zindagi me bharosa chura leti hai-
Jiski talash Humne sadiyon tk ki
Jiske lie raah pr ankhiyan bichaye rahe hum umaron tk
Usne mud kar bichadne ki koi khabar tk na dii
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