जाते हुए दिसम्बर !! हर उस लम्हे के लिए तेरा शुक्रिया जिस लम्हे में तूने अच्छे-बुरे अनुभव दिए, कोई अपना पराया हुआ तो कोई पराया अपना हुआ, किसी के कारण होठों पर मुस्कुराहट आई, तो किसी ने आँसुओं से दामन भर दिया, किसी पल जिंदगी बोझ लगी तो किसी पल जिंदगी खुदा की नेमत लगी. तूने जो भी दिया, मैंने सब बाहें पसारकर लिया.. अबकी बार जब आना इतना सुनते जाना.. नई खुशियाँ न दे तो न सही लेकिन जो इस वक्त हैं, उन्हें बनाए रखना.. तेरा अगले साल आने के इंतजार में कलेंडर के पन्ने पलटते रहेंगे.. अलविदा..
जब कभी जिंदगी में थककर या उदास होकर बैठने लगो, तो बैठना कुछ घड़ी पापा के पास.. सारी परेशानियों के हल मिल जाएँगे और उस वक्त देखना पापा का चेहरा जो सारी जिंदगी के तजुर्बे सोखे हुए होगा जो तुम्हारी थकी हुई पीठ पर थपकी देते हुए कहेगा कि तुम्हारे ऊपर अभी आसमान है..