Siddhartha Yadav   (सिद्धार्थ यादव (यदुवंशी))
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Joined 17 January 2020


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Joined 17 January 2020
5 SEP 2024 AT 16:01

आज कल बाते यूँ है मेरी ,
की अपने पे मुझे हज़रते ग़ालिब सा गुमान है !!
ग़ालिब की तरह मैं भी क़र्ज़े में हूँ ,
मेरा भी किराए का मकान है !!!

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31 OCT 2023 AT 17:52

मैंने सेहरा सजा रखा था उसने मेंहदी लगा रखी थी
मुझे पता था कि वो बेवफ़ा है इसलिए मैंने उसकी सहेली पटा रखी थी ।!

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5 OCT 2023 AT 12:57

छोटे से दिल मे गम बहुत है
जिंदगी मे मिले ज़ख्म बहुत है!!
अरे ये दुनिया तो हमे कबकी मार ही डालती,
कम्बखत, मेरी माँ की दुआ मे बहुत दम है!!

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7 APR 2023 AT 14:57

आज विदेशी आते है आकर हिंदू बन जाते है !!
राम राम जपते सरे सब भक्ति मे लग जाते है !!
कठोर तपस्ता क्या होती है साधु सा तपकर देखो !!
शांति कितनी मिलती है तुम ॐ नाम जपकर देखो !!
और धरा ये जिस पर घूम रही हम उसी केंद्र के बिंदु हैं ,
कहो गर्व से हम हिंदू हैं ।।

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20 DEC 2022 AT 13:59

पहले भी था इतना ही कोटा ,
ना तो ज्यादा बड़ा, ना ही छोटा !
पहले भी लोग करते थे पढ़ाई
पर कभी न अपनी जान गवाईं..!!
तुम सब तो आए करने पढ़ाई
फिर तुमने ही क्यूँ अपनी जान गवांई..!!

सब शिक्षक हैं विद्वान यहाँ के,
हैं बंसल सर महान यहाँ के !
माहेश्वरी सर तो अभी भी हैं ज़िंदा,
इन कृत्यों पर हैं शर्मिंदा..!!
एन.वी.सर ने भी अब गुहार लगाई
तुम सब तो आए थे करने पढ़ाई ..!!
फिर क्यूँ तुमने अपनी जान गवांई.!!

माना कि तुम अन्दर से टूटे हो
खुद से खुद ही क्यूँ तुम रुठे हो
जाकर कर लेते उनसे बात
भाई हैं अपने अंशु महाराज
क्या तुमको माँ बाप की याद न आई
तुम तो आए थे करने पढ़ाई
फिर क्यूँ तुमने अपनी जान गवांई..!!😢

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10 DEC 2022 AT 21:24

अभी देखे कहाँ है तुमने जलवे हमारी उड़ान के
वो और होंगे जो डर गये देख कर कद आसमान के ..!!

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7 DEC 2022 AT 14:18

जिस महफ़िल ने ठुकराया हमको ,
क्यों उस महफ़िल को याद करे...!!
आगे लम्हे बुला रहे हैं ,
आओ उनके साथ चले...!!

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19 NOV 2022 AT 0:43

क्या पता ज़िंदगी मे क्या होगा ,
कुछ नही होगा तो तजुर्बा होगा!!

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17 AUG 2022 AT 2:38

कल किसने देखा है तो आज भी खोए क्यों,
जिन घड़ियों में हंस सकते हैं, उन घड़ियों में रोए क्यों?❤️

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15 AUG 2022 AT 5:52

ये बात हवाओं को बताए रखना
रोशनी होगी चिरागों को जलाये रखना
लहू देकर जिसकी हिफाजत हमनें की
ऐसे तिरंगे को सदा दिल में बसाए रखना।।

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