कभी सोचा है तुम्हे मैं क्या मानता हूँ,या मुझे तुम कौन लगती हो??
अदा, लचक, चमक कातिलाना और पतली लंबी गर्दन सुराही सी, मुझे तुम मोर लगती हो।💖
गहरी झील सी, पैनी तीर सी, ठग सी शातिर काली बड़ी आंखें,मुझे तुम चोर लगती हो।💖
सख्त, कठोर, साहसी मुश्किलों में,और पिघलना वो अगले ही क्षण, मुझे तुम मोम लगती हो।💖
कभी अंधियारे का दीपक,कभी रात की लालिमा, तो कभी सुनेहरी भौर लगती हो।💖
शांत समंदर सी, कभी मस्त बवंडर सी,आस्मा पे राज करती घटा घनगोर लगती हो।💖
हस्ती, खिलखिलाती, ममता से भरी सुंदर अपसरा सी कभी,
कोमल इतनी कैसे?
(अरे कैसे?)
रेशमी डोर लगती हो।💖
इतराती हो नवाब लगती हो,नशीली शराब लगती हो।💖
जो देखा था अक्सर नींद में तुम वो हसीन ख़्वाब लगती हो।💖
।।।ज्यादा तो नही पता कौन हो तुम,या तुमसे रिश्ता क्या है।।।
पर देखकर तुम्हे दिल सुकून पाता है,आवाज़ से मन खिल जाता है,
सावन की पहली बारिश का शोर लगती हो।।💖💖-
चांदनी सा प्रकाश मुख पर सिधारे हुए,
जब पधारी वो मेरी ज़िंदगी में
तो मानो यूं लगा
कि मेरी भटकी राहों को
सफलता का रुख करा दिया उसने...
कि मेरे तिमिर युक्त रास्तों को
अपनी चांदनी से भर दिया उसने...
कि मेरे छोटे से दिल को
नशे से चूर के दिया उसने...
दूर हो जाएं कभी, तो दिल में मोहब्बत रखना...
अपनी इस वफा कि हर अदा को सलामत रखना...
माना तुझे ये सब कभी लौटा न सकूंगा ...
बिछड़ गई अगर,तो कभी जिंदा जी न सकूंगा..
बस यूंही ढाई आखर प्रेम का जगाए रखना..
हो जाए कुछ भी, बस अपनी बांहों में बनाए रखना..
हो जाए कुछ भी, बस अपनी बांहों में बनाए रखना..-
किसी को दिल-ओ-जहां से चाहा
वो तुम्हे चाहे ये ज़रूरी तो नही....
फर्क था उसकी और मेरी मोहब्बत में
वोह ज़िन्दगी भर साथ निभाये ये ज़रूरी तो नही....-
हर सुबह की चिलचिलाती 'भोर' हो तुम....
मेरी आँखों की मुस्कुराती 'मोर' हो तुम...
ये रिश्ता तो है सिर्फ दोस्ती का लेकिन...
उस रिश्ते की अटूट 'डोर' हो तुम...
💖-
एक लड़की, मुझे मुझसे ज़्यादा जानती है...
मुझे रूठा देख, वो दिल से मनाती है....
मेरी गलती पर, वो गुस्सा हो जाती है...
तो कभी, मुझे वो अनोखा बताती है
कभी-कभार ही जन्नत से अप्सरा उतरती है ।
एक लड़की, मुझे मुझसे ज़्यादा जानती है ।।-
।।"तू अगर चली गयी तो"।।
【विशेष समर्पण-😍मेरी बिल्ली😘】
कविता अनुशीर्षक में पढें...👇👇-
लड़कियों के लिए एक सूचना जो 'बहन' के पद पर काम करती हैं.....
आप अगर सोचती हैं कि आप अपने भाई से बहुत परेशान है तो आप अकेली नहीं है क्योंकि आपका भाई भी इसी बीमारी से ग्रसित है....😂😛😜-
पहली बार जब घर मे आई थी वो...
बहू नही,कन्या पूजन को आई थी वो...
उसकी साकी निगाहें मयखाने से कम ना थीं
शायद मेरा दिल चुराने आयी थी वो....-
किसी दिन मैं दूर चला जाऊँगा..
गुस्से मैं नही परिस्थितियों वश साथ न रह पाऊँगा मैं
मीलों का फासला मेरे प्यार को कम नही कर सकता
एक त्योहार अवशय बनाने आऊँगा मैं
जब तू मांगेगी मिलने का तोहफा मुझसे
तेरे लिए हाथों से लिखी नज़्मों की किताब दे जाऊंगा मैं
तेरी ज़ुल्फें,आंखों की चमक ने आशिक बना दिया
तेरे लिए दुनिया से लड़ जाऊँगा मैं
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{ TODAY'S THOUGHT }
Mental pain is more dangerous than physical pain as because of mental pain your life has great chances to lead to
💀 DEATH 💀
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