वह ढूंढ रहे थे मुझ से पीछा छुड़ाने का तरीका
मैंने खफा होकर उनकी राह आसान कर दी-
इन आंखों में तेरा अलग ही नशा है,
तेरे बिछड़ने का दर्द इनमें साफ झलकता है।
मेरे दोस्त पूछते हैं की क्या बात है,
क्यों तू आजकल रहता खफा है।।-
हम तो उनके ख्वाबों में समंदर लांघ रहे थे ,
ले डूबी गलतफमिया हमको ।।
क्योंकि वो तो नौका में सवार होकर,
हमसे दूर होते जा रहे थे।।
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नींद अपनी खोकर जगाया हमको,
आंसू अपने गिराकर हंसाया हमको।
कभी मत भूलना उस महामानव को,
जमाना कहता है "बाबा साहब" जिनको।।
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं-
डॉ॰ भीमराव आम्बेडकर
भारतीय बहुज्ञ, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, समाज सुधारक , मसीहा (दलित , अछूतों , श्रमिकों, किसानों, महिलाओं के अधिकारों का समर्थक ), स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि एवं न्याय मंत्री, भारतीय संविधान के जनक एवं भारत गणराज्य के निर्माता, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर 129 वें जन्मदिन के अवसर पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएं-
"कभी फुर्सत मिले तो पढ़ना मुझे,
मैं तुम्हारी बेमिसाल उलझनो का
मुकम्मल समाधान हूं ."
मैं भारत का संविधान हूं-
सुनसान था सफर इस दुनिया की भीड़ में,
लगता था नहीं है अपनी कोई तकदीर में,
फिर जब बने दोस्त तुम मेरे तो एहसास हुआ,
कुछ खास लिखा था खुदा ने मेरी तकदीर में ||-
नजर अंदाज जितना करना है कर लो ,
अंदाजा उस दिन का भी कर लो
जब हम नजर नहीं आएंगे...-
खुदा से कोई बात अंजान नहीं होती,
हर किसी की नियत बेईमान नहीं होती|
कभी मांगा होगा आपने एक प्यारा दोस्त ,
यूं ही आपकी हमसे पहचान नहीं होती ||-
मैं तुम्हारी सादगी की क्या मिसाल दूं ,
इस सारे जहां में बेमिसाल हो तुम||-