तन्हा रास्ते और जाम !!
इश्क़ है यह रूह का!!-
वो कहते हैं की बात आपकी दिल तक जाती है!!
काश मेरे कान उस दिल से जुड़ पाते !!-
हुस्न तो काफ़ी देखें हैं …
पर चेहरे से आईने को शरमाते हुए पहली दफ़ा है…-
ए ख़ुदा वो अपना नही तो क्यों रास्ते में आता है
आता है तो क्यों जाता है 😔-
कुछ अल्वफ़ाज़ों का खेल इस कदर चल रहा है …
मानो अल्फ़ाज़ों का हमसे कुछ बैर चल रहा है …-
अब वह बात नहीं तुम में जो कभी दिल धड़काया करती थी….
अब तो यूहीं बस देख लिया करते हैं ….-
रोना आए तो रो न सकें...
कहना चाहें तो कह न सकें...
समझाना चाहें तो समझा न सकें...
ऐ खुदा दर्द देना है तो देदे...
साथ में कुछ ऐसा कर की जी न सकें...-
खुदा की रहमत कह लो...
या फिर किसी फ़क़ीर की दुआ...
हमारी किस्मत कह लो...
या फिर हमारे यार कि दुआ...
अब तक सिर्फ जी रहे थे ये कह लो...
उड़ने लगे जब उनके आने का सबब हुआ...
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मेरा जिस्म तेरे जिस्म से पूछता है कि तू मेरा है...
फिर भी मेरा नहीं???
फिर तेरा तब्बसुम जिस्म में सिहरन देकर मेरी रूह को छूकर कहता है...
अब बता तेरा है के नहीं???-
मोहब्बत तो वो किस्सा है,
जो हर दिल को लुभाता है...
पर सच्ची मोहब्बत का किनरा
तो तभी मिल पाता है...
जब सच्चा दिल,
सादगी के साथ मिल जाता है...
वरना दिखावटी दिल वाला खिलौना
तो हर बाजार बिकता दिख जाता है...-