There are no miracles in life.Just the ones you create. -
There are no miracles in life.Just the ones you create.
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सरकारों से मदद की गुहार लगाई जा रही है।बीस लाख करोड़ की रकम चार किश्तों में समझाई जा रही है। एक मां आज फिर ये कहते हुए रो पड़ी,वो बेटा मेरा अब तक घर नहीं आया,जिसकी फ़ोटो न्यूज़ चैनलों परचार दिन से आ रही है। -
सरकारों से मदद की गुहार लगाई जा रही है।बीस लाख करोड़ की रकम चार किश्तों में समझाई जा रही है। एक मां आज फिर ये कहते हुए रो पड़ी,वो बेटा मेरा अब तक घर नहीं आया,जिसकी फ़ोटो न्यूज़ चैनलों परचार दिन से आ रही है।
इरादे का कोई कितना ही पक्का हो,हंसी में फिक्र कहाँ छुपाई जाती है,जो गुरबत में है,ये तो वो ही जानता हैबिस्तर पे चादरअकेले कैसे बिछाई जाती है । -
इरादे का कोई कितना ही पक्का हो,हंसी में फिक्र कहाँ छुपाई जाती है,जो गुरबत में है,ये तो वो ही जानता हैबिस्तर पे चादरअकेले कैसे बिछाई जाती है ।
बेवक्त, बेपरवाहतुम जो चले आते हो।हमको ये मिज़ाज़ मोहब्बत सा लगता है।तुम्हारा बताकर जाना भी अब तोन जाने क्यों हमको आफत सा लगता है।यूँ तो शफाकत को मेरी तुम शरारत कह देते हो।मुझे तो तुम्हारा फरेब भी शराफत सा लगता है। #sporiginals #pen_and_pepper -
बेवक्त, बेपरवाहतुम जो चले आते हो।हमको ये मिज़ाज़ मोहब्बत सा लगता है।तुम्हारा बताकर जाना भी अब तोन जाने क्यों हमको आफत सा लगता है।यूँ तो शफाकत को मेरी तुम शरारत कह देते हो।मुझे तो तुम्हारा फरेब भी शराफत सा लगता है। #sporiginals #pen_and_pepper
बहुत मर्तबा पहुंच कर देखा है मैंने उस कामयाबी की मंज़िल तक ।हर दफा कमबख़्त कुछ और दूर लगती है |जब मिल जाती है मन्ज़िल कुछ दूर चलने के बाद वो मील का पत्थर लगती है। #sporiginals #pen_and_pepper -
बहुत मर्तबा पहुंच कर देखा है मैंने उस कामयाबी की मंज़िल तक ।हर दफा कमबख़्त कुछ और दूर लगती है |जब मिल जाती है मन्ज़िल कुछ दूर चलने के बाद वो मील का पत्थर लगती है। #sporiginals #pen_and_pepper
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तुम्हें लगता होगा ये आसानये इतना आसान होता नहीं है|महज़ आँखे बंद करता है वोकोट पैंट वाला नौकरचैन से कभीवो सोता नहीं है || -
तुम्हें लगता होगा ये आसानये इतना आसान होता नहीं है|महज़ आँखे बंद करता है वोकोट पैंट वाला नौकरचैन से कभीवो सोता नहीं है ||
कि दूर कहीं आतंकवादीअब कैसी चर्चा करते हैंकुछ कहते हैं बंदूकें लो कुछ बम से बस्ते भरते हैं करने की हमला भारत पर कुछ ऐसी मंशा रखते हैं इसी बीच वो जब अपना टीवी ऑन करते हैं जब अखबारों में भारत के बुलंदशहर जैसी खबरें पढ़ते हैं|छोड़ छाड़ के सारे बम बस्ते कुछ हंसी ठिठोली करते हैं कहते हैं बम की ज़रूरत क्या चारे से बस्ते भरते हैंकाट के गाय भैंसे इन मूर्खों को लड़वा देंगे हम क्या लगाएंगे इनके देश में आग ये खुद अपने घर जला देंगे ये खुद अपने घर जला देंगे || -
कि दूर कहीं आतंकवादीअब कैसी चर्चा करते हैंकुछ कहते हैं बंदूकें लो कुछ बम से बस्ते भरते हैं करने की हमला भारत पर कुछ ऐसी मंशा रखते हैं इसी बीच वो जब अपना टीवी ऑन करते हैं जब अखबारों में भारत के बुलंदशहर जैसी खबरें पढ़ते हैं|छोड़ छाड़ के सारे बम बस्ते कुछ हंसी ठिठोली करते हैं कहते हैं बम की ज़रूरत क्या चारे से बस्ते भरते हैंकाट के गाय भैंसे इन मूर्खों को लड़वा देंगे हम क्या लगाएंगे इनके देश में आग ये खुद अपने घर जला देंगे ये खुद अपने घर जला देंगे ||
यह हसरतें साली बहुत कसरतें करवाती हैं।- सिद्धार्थ पुरी -
यह हसरतें साली बहुत कसरतें करवाती हैं।- सिद्धार्थ पुरी