मेरा जीवन गम का किनारा न होता,
मजधार का गर तू सहारा होता।
चमकते आसमान में सितारे बनकर,
ऐ चांद के गर तू हमारा होता।
तुम्हारा हाथ होता हाथों में हमारे,
तो जीवन भी कितना प्यारा होता।
तुम्हारी हंसी का गर कारण बन पाते,
तो शायद रोने का कोई बहाना न होता।
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अजीब ये इश्क़ के रास्ते,
के हर मोड़ पर दम निकले।
निकले मगर कमबख्त, पूरा न निकले
शीतल झील नजर आने वाले भी,
सूखे तालाब का पानी निकले।
समझा था जिन्हें मरहम कभी,
वो नासूर दिलों के जख्म निकले।
अजीब ये...........
कभी किसी को अपना माना था हमनें,
वो हमदर्द कितने बेरहम निकले।
दिये है इतने गम उन्होंने,
की आंखों से बूंद बूंद निकले।
अजीब ये...........
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लम्बें अरसों में जो तुम,
मोहब्बत का इजहार करती हो,
हफ्तों में ही सही,
इकरार तो करती हो।
दिल बाग बाग हो जाता है मेरा,
जब तुम प्यार से यूँ प्यार की बात करती हो।-
ये कैसा हाल किया है इश्क ने मेरा,
जी भी नहीं पाता, मर भी नहीं पाता।
इश्क़ की कौन सी राहों में, छोड़ा है तन्हा तुमने,
ऐ रास्ता है की खत्म होने का नाम ही नहीं लेता
यहाँ तो दो सांस लेना भी दूभर मालूम पड़ता है,
लोग कहते हैं तुमसे संभलकर चला नहीं जाता
जन्मों के प्यार को, क्या बताऊँ अपनी जुबान से,
दुनिया समझ नहीं पाती, और महबूब समझना नहीं चाहता,
अब उस रब से में बस यही कहूंगा,
के ऐ दर्दो गम अब हसकर सहूंगा।
जिदां रखना उसके आने तक मुझे,
में तो आशिक हूँ सनम के आघोश में ही दम तोडूंगा,-
लोग इश्क़ में कोम्प्रोमाईज़,
कर कैसे लेते हैं।
बड़ी हिम्मत का काम है,
लोग इतनी हिम्मत आखिर जुटा कैसे लेते हैं।-
रात हमारी कुछ यूँ गुजरी,
की आंखों से अश्कों की धारा बरसी।
आखिर क्यों नहीं आते सामने मेरे,
तुम्हें देखने के लिए ही तो ये आंखें तरसी।
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मैं तेरा रांझा माही,
。。。तू ता मेरी हीर वे...।
तुझसे ही तो बनती यारा,
。。。मेरी तकदीर वे...।-
हम अपनी जिंदगी तुम्हारे नाम कर रहे हैं,
फिर भी,
आप गैरों की आंखों में प्यार ढूँढ रहे है।
जरा देख कर चलना मेरे हमसफर,
आपके रास्ते के गढ्डे,
......हमे अभी से नज़र आ रहे है-
इस संसार में हर समस्या का समाधान है,
बस समाधान खोजने के लिए इंसान का जिद्दी होना जरूरी है।-