Siddhant Vishnoi   (shayar-e-khas)
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हम जिस आरजू से लिखतें हैं, साफ-साफ हर आयाम दिखतें हैं !! #जय_भोले
Joined 5 March 2019


हम जिस आरजू से लिखतें हैं, साफ-साफ हर आयाम दिखतें हैं !! #जय_भोले
Joined 5 March 2019
29 DEC 2024 AT 8:25

पा लेने की बेचैनी
और खो देने का डर
बस इतना सा ही है...
जिंदगी का सफर

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28 MAR 2024 AT 9:55

ये ज़िन्दगी का रंगमंच है दोस्तों.....
वैज्ञानिक ढूंढ रहे हैं....
मंगल पर जीवन है की नहीं...
और... हम ढूंढ रहे हैं...
जीवन में मंगल है कि नहीं....!!

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1 JAN 2024 AT 9:29

हमारी यही दुआ है
नया वर्ष हर सुबह उम्मीद लाए,
हर दोपहर विश्वास दिलाए,
हर शाम खुशियां लाए,
और हर रात सुकून से जाए।
Happy New Year 2024_*

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1 JAN 2024 AT 9:00

हमारी यही दुआ है
नया वर्ष हर सुबह उम्मीद लाए,
हर दोपहर विश्वास दिलाए,
हर शाम खुशियां लाए,
और हर रात सुकून से सजाए।
Happy New Year

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25 JUL 2023 AT 9:58

कलियुग -
सत्य छिप गया है..
सत्य का तत्व आपको ही ढूंढना पड़ेगा..
वाकये की तह तक जाकर !!

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22 SEP 2022 AT 2:38

लोग कहतें हैं कि कर जाओ ऐसा काम..
की 'दुनिया' नाज करे तुम पर !

हमने कहा कुछ वास्तविकता में भी जिया करिये...

अच्छा करने पर भी सब खुश नहीं हुआ करते !
दुनिया के हिसाब से चलने पर... राहों पर फूल नहीं खिला करते !

सच कहने वाले अपनी ताकत से दुनिया को पलट देतें हैं
पर झूठ के पुलिंदो को कभी वे तूल नहीं दिया करते !

कर देतें हैं वे समर्पण एक उद्देश्य के लिए..
पर डर के कभी अपनी तकदीर को कबूल नहीं किया करते !

कुछ बदल लीजिये अपना नजरिया
और कहिये...

कि कर जाओ कुछ ऐसा काम...
जो अंतरात्मा को सुकून मिले !

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29 JUN 2022 AT 16:12

आजकल मैं ख्यालों में हूँ...
आप वास्तविकता दिखा रहे हो !
एक दिन मैं वास्तविकता में रहूँगा...
और आप सब ख्यालों में खो जाएँगे !

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15 FEB 2020 AT 19:46

खूबसूरत इस सफर का कभी.. हमसफर हो जाना है !
बन मुसाफिर मंजिलों से कभी.. बेखबर हो जाना है !!
के फिर जिंदगी यूँ हँसकर मुस्कुराकर मिले न मिले..
छुपाकर एक टुकडा़ धूप का.. बादलों से रहगुज़र हो जाना है !!

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24 AUG 2019 AT 8:22

हम भी काबिल हैं तेरे इश्क के,
यहाँ भी कबिलयतों से भरा इक जहाँ है !
क्यूँ तुझे मेरी काबिलियत दिखती नहीं,
क्या ये तेरे लिए मुसलमाँ है !!

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7 MAY 2019 AT 8:45

मेरे सुबह को आज, आसमान मिल गया,
चाय की चुसकीयों में वो पुराना, तूफान मिल गया!
देखा आज़ फिर अपने शहर की गलियों को,
फिर से चाँदनी चौक़ की रौनक का, पैमान मिल गया !!

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