एक राम दशरथ का बेटा
एक राम जो घट घट में बैठा
एक राम का सकल पसारा
एक राम जो सब से न्यारा,
कभी न बिसरू राम को चाहे दुनिया बिसरी जाए।-
Followers, just to write voice of my soul.
मन से बड़ा बेहरुपी न कोई,
पल पल रचता स्वांग निराले
माया ममता में उलझा रहे वोह
पड़ जाए जो मन के पाले
मन के बहकावे में मत आ,
मन रहा भुलाए
मन भ्रम में डाले
तू इस मन का दास न बन
इस मन को अपना दस बना ले।-
दुनिया में लाखो का मेला जुड़ा,
हंसा जब जब उड़ा तो अकेला उड़ा।-
डर कर भीड़ लगा लेते है लोग
तेरे दर पर,
तेरी रज़ा को कहा जानते है
दूध यु हीं बह जाते है नालो मे..
गरीब को कहा दूध पिलाते है,
शिव तो है समशानो मे
लोग मन्दिर मे यु हीं घंटा बजाते है,-
नशीयत दी सबने
किसी ने नहीं हाले दिल पूछा,
सहूलियत देख कर रिश्ता निभाते है लोग,
बिना स्वार्थ के लोग कहा रिश्ता निभाते है
डर कर झुक जाते है लोग खुदा के दर पर
इंसानियत से प्रेम लोग कहा निभाते है....
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देखा जब राम की नज़र से
सब मे बसा राम देखा,
जहाँ देखा जिस और देखा
सब मे बसा श्री कृष्ण देखा
वह सोये हुए है जो कहते है,
न उन्होंने राम देखा न कृष्णा देखा
आया था किस काम को क्यू सोया
चादर तान के सूरत संभाल ये गफ़िल,
अपना आप पहचान..
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ज़िन्दगी का सफर इताना सा है
एक दिन अपने जलादेंगे और राख़ बचेगी..-
हम किसी से खुशिया मांगे
यह हमें मंज़ूर नहीं,
मांगी हुई खुशियों से किसका भला होता है,
जितना अपनी तक़दीर मे लिखा होता है वह जर्रूर अदा होता है...-