... सब सह लेते हैं रास्ते ...
मिलों दूर अपनो से हमें जोड़े रखते हैं रास्ते,
पर हम चाहे कितना भी इन्हें तोड़े मरोड़े,
सब सह लेते हैं रास्ते।
बिना नाम काम धाम देखे सभी का सफरनामा बन जाते हैं रास्ते,
इंसानों का इनको आपस में बांट लेने के बावजूद,
सब सह लेते हैं रास्ते!
हमारा सारथी बन कभी मंज़िल ना भटकने देते हैं रास्ते,
काफ़ी कुछ सुन देख कर भी अटल हैं रह जाते,
बस इस तरह सब सह लेते हैं रास्ते।-
एक रोज़ किसी करीबी ने कहा; "अच्छा बनकर क्या मिला? बुरा बनकर देख!"
तोह लिखा है की...
अच्छा बनकर सीख़ मिली;
बुरा न मांगनी पड़ी इज़्ज़त की भीख,
जो ना मिला उसपर क्यों ही मचाना चीख जनाब;
ये जीवन है प्यारे...इसमें जो मिला वोही ठीक।-
ढलते दिन की ढलती किरणें,
कहने को तरसे उनकहीं बातें;
तैरती लहरती थकी हुई शाम,
फिर ले आई है रात का पैगाम;
एक और दिन गया है ढल,
निरंतर लगे रहने का कम गया जो बल;
कल का उगता सूरज नई उम्मीदें लाएगा,
मेहनत का फल जल्द ही अपने रंग दिखलाएगा।-
वो रात, रात ही क्या,
जिसमें तेरी सलामती की फ़िक्र ना हो;
वो बात, बात ही क्या,
जिसमें तेरी सादगी का ज़िक्र ना हो;
यूं तो जीवन में रंग भरने को मित्र हैं अपने,
मगर...;
वो जीना, जीना ही क्या,
जिसमें तेरे एहसास का इत्र ना हो।-
इस अपनों वाली अंजान नगर में;
सब्र का बांध टूट कर suffer बन जाने की सफ़र में;
कुछ पलों की सही, मगर वो दूर बैठा चांद ही अब अपनों के हिस्से की सुकून दे जाता है।।-
Nobody broke my heart but this one's for those who've faced heartbreak(s)...
वैसे तो मुझे अब कुछ खासा फर्क पड़ता नहीं;
मलाल तो इस बात का है की उम्र भर संग बिताने को साथ तू नहीं।
कभी किसी रोज़ मेरी बातें, हमारी मुलाकातों की यादें लगने लगें फिर से सही;
जिस मोड़ पर मुझे मैं से हम और फिर हम से मैं किया था ना तूने ... मिलूंगा वहीं।।-
कभी कभी ज़िंदगी दीवारों सी लगती है...
अपने कर्म करते चला जाता हूं,
अनजाने में अक्सर दूसरो के कुकर्मों का हिस्सा भी बन जाता हूं;
जैसे दीवार चीज़ें छुपाने का काम तो बखूबी निभाते हैं,
मगर इधर उधर की बातें सुनके हम खुद ही ये कह देते हैं की "दीवारों के भी कान होते हैं"।-
"Ram Ayenge" दुकानदार/व्यापारी version:
राम आयेंगे तो दुकान को सजाऊंगा;
दीप जलाके दिलवाली मैं मनाऊंगा।
मेरे व्यापार के भाग खुल जायेंगे;
राम आयेंगे...
Ram ayenge toh Dukan ko sajaunga;
Deep jalake Diwali main manaunga!
Mere Vyapar ke bhaag khul jayenge;
Ram ayenge...-
"ऐ मेरे वतन के लोगों, ज़रा आँख में भर लो पानी।
जो शहीद हुवे हैं इतने, ज़रा याद करो कुर्बानी।।"
Jinke bataye, sunaye, padhaye, dikhaye nahi jaate unke bhi .....-