दुनिया से जितने की ताकत रखने वाले
अक्सर अपनो से हार जाया करते हैं।।
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Safar khubsurat tha...ye baat unhi ko pata hai jinhe manjil mil gaya...aur hum majil ki hod me Safar jaise taise kat Gaye..ab manjil hai par khubsurat nahi...paise hain par waqt nahi....
aur waqt mil v gaya to saath chalne ko college wale dost nahi....-
पत्ते खड़खड़ाने लगे सरसराने की जगह
लगता है भीड़ आया है गली मे मेरे,
से लेकर
सरसराने लगे पत्ते फिरसे गली मे मेरे
भीड़ निकल गये मतलब के सारे
तक का सफ़र
बचपन ले गया जवानी दे गया ।।
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रोना चाहती हूँ मैं भी दिल टूटने पर,
k drama जैसी सड़कों पर
चमकती रोशनी साफ सुथरा सड़क बगल मे fountain 😑
पर मेरे नसीब मे भुतिया गलियाँ ही है 😆-
ये कवितायेँ भी बड़ी जालिम है,
जब सोने जाओ झुंड मे आ जाती है
नींद उड़ाने ,
सोके उठो तो नील बत्टे सन्नाटा 😤-
Kahan har pal saath raha karte the🥺
Aur kahan ab milenge v to chand Palon keliye milenge 🥺
Aur log kahte hain rote kyun ho, dubara milenge na....🤷♀️-
मैं बूढ़ी हो रही हूँ!
मेरा खूबसूरती खोता जा रहा है
दीवाने कम हो रहे हैं
बेटी जवान हो रही है
मुझे जलन हो रहा है
मेरा खूबसूरती वो चुरा रही है
लोग उसका तारीफ़ कर रहे हैं
नये नये दीवाने हर रोज़ बन रहे
मेरी ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा
मेरा जमाना जा रहा है
मैं बूढ़ी हो रही हूँ
मुझे दुख हो रहा है
मुझे डर लग रहा है
मेरा वर्चस्व खो जायेगा
पर मैं कुछ कर नही सकती
ये चल रहा है, चलता रहेगा
मैं भी चुरायी थी अपनी माँ की खूबसूरती
मेरी बेटी चुरा रही मेरा
जलती हूँ ,ये सच है
पर खुश हूँ
बिल्कुल अपनी माँ के जैसे।
उन्हे समझ रही हूँ धीरे-धीरे
हर पड़ाव पर
उन्होने क्या खोया था
मुझे देने केलिए मेरा पहचान ।।-
पता ही नहीं चला कब चलते चलते बहूत दुर निकल गई ,
बचपन की गलियों से जवानी के सडकों पर।
पता भी ना चलता अगर मतलब ने आकर मुझे टोका ना होता
"ये लड़की चल हो गया तेरा मासूमियत का खेल खतम
अब मतलब की बात कर"
मैं बेफकुफ लड़की प्यार ,दोस्ती और भरोसे के मोह मे फसी चलती गयी उसकी चेतावनी को दरकिनार करके तब तक जब तक एक बार फिर मतलबीयों के झुंड ने आकर जोर का तमाचा ना लगाया और फिर बचपन की मोह ने अलविदा कहना शुरु किया धीरे धीरे चार पांच और धक्के खाकर ।।
और कुछ इस तरह मैं भी बड़ी हो गयी । दोस्तों का झुंड टुट गया बचपन का सपना टुट गया,सुहाअने दिन निकल गये और मैं अकेली कुर्सी पर बैठी देखती रह गयी,
पता ही नहीं चला कब शाम से रात हो गया और मेरी चाय ठंडी हो गयी।।-
Masoom bache
Unhe pata nahi wo konsa expression bana rahe hain par wo bana rahe hain aur isliye wo masoom hain...-
Jab khudka maut socho to khusi milta hai
Ye royega wo royega iska kya reaction hoga blah blah...jo pyaar karta hai wo gumsum ho jayega sara jindagi mujhe miss karega aur na jane kya kya aata hai dil dimaag me..jo v aata hai acha lagta hai kisiko khudke liye tadapte sochkar par wahi soch agar apne pyaare insan ko khone ka aa jaye to sochke bhi dil kamp jata hai ki kaise ji paungi uske bina ya unke bina ,kaisa hoga wo jindagi kitna udas akelepan se bhara hua ... jo kabhi mere saath the ab ni hain din ke wo ghante jab unse kuch kam ho ya wo kam par jaye yaad aayenge har jagah har pal yaad aayenge ye rahta to ye kar deta wo aise karta blah blah...jorse sar ghumake is soch ko rok deti hoon, apno ko khone ka soch bhi rula jata hai,
Asliyat kaise jhelungi waqt hi janta hoga 😥-