Sibasish Parida   (Shuvam)
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Expect the unexpected 🤞🤞
Joined 21 April 2021


Expect the unexpected 🤞🤞
Joined 21 April 2021
17 NOV 2022 AT 17:50

ग्रहण लगा वहां आसमान में,
तुम भला क्यूं डरती हो
चाहत है दिलवालों के शहर में,
तुम भला इतना क्यूं इतराती हो
ख्वाहिश तो रखो हमारे जन्नत में,
तुम भला इतना क्यूं घबराती हो
छोटी - छोटी बातों में,
तुम भला इतना क्यूं मुस्कुराती हो🥰

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1 OCT 2022 AT 22:24



ख्वाब देखने का होसला दिया हे तो पुरा भी करने दो

पन्ख ना कुचलो समय मत गंवाओ हिम्मत को जिन्दा रहने दो

उन्मुक्त गगन के आज़ाद पन्छी हो तुम इस वेहम में रहने दो
पुरा आशमा चिर के लांग जाना हो इस ख्वाहिश में रहने दो

ख्वाब देखने दिया है तो उसे पुरा भी करने दो

मेरे इन‌ छोटे छोटे ख्वाहिशो को निखारने का एक और मौका दो

क्या हि चला जाएगा आपका भरोसा रखने में एक और बार ‌कर दो
पर कुछ पाने के ख्वाब को जिन्दा रहने दो

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20 AUG 2022 AT 23:34

एक छोटा सा ख्वाब था
एक वो छोटा सा सपना था
हकीकत में भले‌ ही ना हो सच
वो सपना हकीकत बन जाए ऐसा एक ख्वाब था

सवालों में उल्झा वो एक जवाव था
वो मेरी जान बन जाए ऐसा मेरा ख्वाब था

हकीकत थी बड़ी रूकसत हमसे खफा थी सरे आम था
किसी की फ़िक्र ना करें वेफिक्र बन्ना एसा मेरा ख्वाब था

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25 JUN 2022 AT 10:53

पहाड़ों में जाना शाय़द नाजीब नहीं तुझे
तेरे संग बिताए वो पल बड़े अज़ीज़ है 🌝
कोशिश बहुत कि हमने तुम्हे पाने कि
पर वो‌ बाते आज भी मिहफूज है 🥲

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15 APR 2022 AT 15:19

ठंडी हवाएं चलने लगी थी
जब तुमने आहिस्ता हां कहा था
ये रेश्मि जुल्फें उड़ने लगी थी
जब तुमने शरमाके हंस दिया था
कोयल कि मिठी बोली सुनाई दे रही थी
जब तुमने यूं गुनगुना दिया था
मयूर का नृत्य याद आ रही थी
जब तुमने यूं पैर मटकाया था
आमरस कि मिठास मुह में घुल रही थी
जब तुमने अपने हाथों से मुझे खिलाया था
अमृत पिने जैसा एहसास हो रहा था
जब तुमने अपना झूठा पिने को कहा था
बहुत अलग सा महसूस हो रहा था
जब तुमने मुझे अपना बताया था🥰🥰

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15 FEB 2022 AT 20:51

काजल कि गहराई नापने कि कोशिश कि थी ,
ग़जरे को तुम पर सजाने का प्रयास किया था
पर हो ना पाया

थोड़ा वक्त देने कि कोशिश कि थी,
उलझी हुई बातों को सुलझाने का प्रयास किया था
पर हो ना पाया

आज एक आखरी मुलाकात करने कि कोशिश कि थी,
कुछ अधुरी बातें फिर से शुरू करने का प्रयास किया था
पर हो ना पाया

कब तक रूठि रहोगी ये कहने कि कोशिश कि थी,
मुझ पे क्या बित रही है ये बताने का प्रयास किया था
पर हो ना पाया

आखिर मैंने दम टोड ही दिया ,
सारी उम्मीदें छोड़ ही गया,
जो कहना था केह ही दिया,
पर तुम्हें बताना ये हो ना पाया 🥺🥺🥺— % &

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15 FEB 2022 AT 20:48

ख्वाबों की दुनिया में तुम शेहजादी हो,
जुल्फें लेहरा दो तो यूं छा जाती हो
आसमां कि गेहराई में खो सी जाती हो,
खुबसूरती हि ऐसी निहारूं तो गुम हो जाती हो

किताबी किडो कि नजरें है तुमपे,
चम्पा चमेली भी फिकी हैं जिनपे
ढुंढु तुम्हें गुलदस्तों में फुलों कि तरह,
किसी टिफिन के बक्से में खाने कि तरह

खुशबू ही ऐसी कहीं और ना होगी,
तुम जैसी परी भला और कहां होगी
युन गलियारों कि हवा जैसी तुम,
अत्तर कि महक से महकती ये सितम
ढुंढती है तेरा पता ए जानेमन,
शायद क़यामत में लिखा है अनबन

फिर मिलेंगे हम तुम उस जहां में,
जन्नत बसता हो खुदा जिस जहां में
उस जहां की सारी खुशियां हो तेरी ,
ख्वाबों में बसी बो नुमाइश हो तेरी

उस जहां में बस तु है मेरी कि दुनिया भी कहती रहे हाए रब ने बना दी जोड़ी🌝🌝

— % &

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18 JAN 2022 AT 15:03


भीड़ में खड़े हुए अकेलेपन का ख्वाब लेके
निहारते हुए घुलमिलने कि इच्छा लेके
सबको देखते हुए एक छोटी सी आस लेके
चुप-चुप बैठे हुए सपने संजोने कि आजमाईश लेके

दुर बैठे बस सोचते हुए
ख्वाबों की दुनिया सहेजते हुए
नाच गानों को देखते हुए
यूं देख बस देखते हुए

बहिर्मुखीयो को देखते हुए
बस दिलाशा देते हुए

बो दिन भी जल्द आएगा
बहुत जल्द आएगा 🥺🥺🙂🙂

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18 JAN 2022 AT 0:14

दिल में जगह बाकी है
खिदमत कर के तो देखो
ये पुरी जहां तुम्हारी है

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29 DEC 2021 AT 9:02

सरकता ही जा रहा है
बिते हुए लम्हे याद
दिला जा रहा है
कुछ अच्छे कुछ बुरे
कुछ मजेदार कुछ अंतरंगी
सब याद दिला जा रहा है
जाते-जाते हर उस गम को
भुलाने कि फरमाइश
किए जा रहा है

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