राह-ए-ज़िन्दगी का ,
मंज़िल भटक चुकी है ,
आलम है बेखुदी का ...!!-
Sia Ji
(@Sia)
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Joined 19 January 2018
2 FEB AT 0:55
चेहरे से दिल से खुद को पहले हूबहू कर ले ,
दुनिया को इस रिवाज़ की फिर रूबरू कर दे...!!-
3 OCT 2024 AT 23:40
सबसे पहले न सही , माना कि सबके बाद हूं ,
क्या ये कम है कि मैं अब तक उसे याद हूं ..!!-
8 MAY 2024 AT 0:51
और दर्द फ़साना हो जाता है ,
तेरी रात के बाद सुबह आती है...
हमें एक ज़माना हो जाता है ..!!-
6 MAY 2024 AT 20:54
में कोई तो आता है गनीमत है ...
यहाँ आंखें ही बंजर हो रही हैं वक़्त देखकर..!!-
13 SEP 2023 AT 22:45
नज़र में उसकी भी मग़रूर होते जा रहे हैं...
हम अपनी ज़िन्दगी से दूर होते जा रहे हैं...!!-
8 SEP 2023 AT 20:22
बड़े नासाज़ से होते गए हर पल तुम्हारे बाद ,
न कोई भी कशिश न कोई हलचल तुम्हारे बाद...!!-
8 SEP 2023 AT 19:54
,
मेरी रूह से मुलाकात करना कभी ,
जितनी लुटाते जाओगे उतनी मिलेगी ,
अबकि 'मोहब्बत की बरसात' करना कभी...!!-