दिल ये डर सा गया है।
अंदर ही अंदर ये मर सा गया है।।।।😓😓😓-
I'm ✍️ Write
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हाय ये दिल मेरा...।
क्यों करे हैं शोर इतना।।
बेजुबान सा सिसकियां में हैं जो..।
फिर भी शोर करे हैं इतना..।।
चहक उठी है जो आहें सीने में..।
फिर भी धड़कनों में शोर हैं कितना..।।-
तू भी कभी आगोश में ले मुझे
सांसों में मुझे समा तू कभी
देख के यूं कभी नज़रो से
मुझे होने का एहसास तो दिला
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आज कल मैं सांसें लेना भूल जाता हूं
कुछ पल भी अब यूं ही गुजरने लगा है-
ऐ हमदम ऐ मेरे साथी
तुम जरूरत से ज्यादा मेरे जान बन गए हो
कहां छुपा ले हम आपको
हर कोई आपको नजर लगा जाता है-
मेरे इश्क ए मिजाज़ कि जात ना पूछ
जो हुआ एक वारी तो आखरी सांस तक रहेगा
तू मेरे लिए कुछ खास तो नहीं
यार पर इस दिल को जरुरत मुझे मुझसे ज्यादा है-
मिलने की आस ना थी
फिर भी मनमगन थे अपनी दुनिया में
जीने की आस में
यूं कहां दर बदर भटक आए हम-
फिरते थे कभी हम यूं भटकते हुए इन राहों में
ना था कोई अपना सा एक सवेरा
अब जब मिली है ज़िन्दगी की एक मुस्कान
तो जीने का जुनून कुछ हुआ है यूं बेशुमार-