क्या था मैं
क्या अब हो गया हूं
कभी हंसता मुस्कुराता रहता था
अब उदासियां में कहीं खो गया हूं-
इल्जाम हजारो हैं पर मेरी खता कुछ भी नहीं।
मुझे कल भी तेरा इंतजार था
मुझे आज भी तेरा इंतजार है
मुझे कल भी तुझसे प्यार था
मुझे आज भी तुझसे प्यार है
मुझे कल भी तेरी परवाह थी
मुझे आज भी तेरा सत्कार है
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मैंने तो कभी जिस्म की बात ही नहीं की
मैंने तो अक्सर तुम्हारी रूह को छुआ है
जब जब तुम सोचती हो मेरे बारे में
अक्सर एक प्यार भरा एहसास मुझे भी हुआ है-
काश के तुमने मुझे
रूह की गहराइयों से
जाना होता
तुम्हें जिंदगी से कोई
शिकवा ना होता
कोई अफसाना न होता
तुम्हारा हर एक पल
हसीन होता सुहाना होता
तुम मेरी मोहब्बत ,मेरी चाहत होती
ओर मैं सिर्फ
तुम्हारा ही दीवाना होता-
वो शख़्स है
जो हमारी रूह को
चाहता है
जो हमारे मन को
पढ़ पाता है
जो सिर्फ़ झूठे वादे नहीं करता
रिश्तों को दिल से निभाता है-
तेरी रूह का
मेरी रूह से
जो नाता है
बस वहीं एक रिश्ता है
जो तुम्हें हर एक एहसास
करवाता है
कभी रोते रोते हंसाता है
कभी हंसते हंसते रुलाता है-
क्या करूं अब मैं
ये दिल तुमको अब
अपना मानता नहीं
ये मन तुमको अब
जानता नहीं
ये आंखे अब
तुमको पहचानता नहीं-
हर ग़म
हर तकलीफ़ को
मैंने हंसते हंसते
भुलाया है
जब से तूने समझा है
मुझको अपना
अपना समझ के
गले लगाया है-
आ के सब कुछ भुला कर
एक बार फिर हम एक हो जाएं
तुम फिर से बस जाओ मेरी
रूह के कण कण में
हम एक बार फ़िर
मोहब्बत की हसीन दुनियां में
खो जाएं, गुम हो जाएं-
तू महके तो दिन बने
तू बहके तो दिन बने
तू खिलखिलाए तो शाम हो
तू गले लगाए तो
मन को सुकून हो
दिल को आराम हो-