उसकी तस्वीर पास रख भी लूं तो भी.
उसकी तस्वीर पास रख भी लूं तो भी..
कैसे मन लूं कपकपी नहीं होगी,
वो गया ऐसे कि जगनुओं के भी मिन्नतें करूं
तो भी जिंदगी में रोशनी नहीं होगी
और मेरा तुमसे एक रिश्ता मोहब्बत है
मैं लिख कर देता हुं दोस्ती नहीं होगी।।
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अजब सी लड़की दिल में है...
वो जलती धूप में भी मुस्कुराए, कभी रोती बहुत बरसात में है।
समझती ही नहीं बात किसी की, एक अजब सी लड़की दिल में है।।-
मैं लड़का गरीब,
वो रहने वाली महलों की।
मैं दिखता साधारण,
वो मानो "हुर" हो जन्नत की।
जब निकले वो बेनकाब,
तो लगे अमावस में चांद निकला हो जैसे।
यार मैं होश में आऊं भी तो कैसे,
कल रात देखली मैने तस्वीर उसकी।।
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नहीं होते हो फिर भी पास होते हो तुम
न जाने क्यूं हर वक्त महसूस होते हो तुम-
वो पानी पीने के बहाने third floor पर जाना,,
CS department का पूरा चक्कर लगा के आना,,
‘अबे वो देख रही थी तुझे’ ऐसा बोलके दोस्त को ch u...ya बनाना,,
और अंत में class में आके ‘देखो देखो कोन आया’ चिल्लाना,,
ये इंजीनियरिंग थोड़ी, ज़िंदगी थी जो गुज़र गई अब,,
‘भाई कैसा है‚ और कब मिलेगा तू’ पर ठहर गई अब,,
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"अल्फाजों से बयां कर दूं तुझे
मुझमें इतनी ताक़त नहीं है,
ए–मोहब्बत तेरे अहसास भर से मैं,
दीवाना हुआ बैठा हूं...।-
उसकी यादों पर कोई पहरा तो लगाए आकर,,
कमबख्त मेरा चैन लूटे जा रही है।।-
जब तक घर में थे, शहंशाह थे हम,,
बाहर लाके ए-ज़िंदगी तूने कामगार कर दिया।।-