Shyari_for_u  
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Joined 13 June 2020


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Joined 13 June 2020
27 NOV 2022 AT 10:26

अब समझा आपके रुखसार पे तिल का मतलब,
खुदा ने दौलते हुस्न पर दरबान बिठा रखा हैं।

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26 JUN 2022 AT 18:29

अंजाम ने दुःख दिया हैं.....
पर यादें बहुत प्यारी हैं!!!!

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10 JUN 2022 AT 12:23

कोई उसको प्रेम की चादर उढ़ा कर ले गया,
और हम सम्मान का संबंध करते रहे गए।

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8 JUN 2022 AT 10:53

उसके page पर रोज जा कर देखता हूं मैं,
आज कितने लोग ने उसकी पैरवी की हैं,
और सोचता हूं मै, ये नसीब वाले हैं,
उसको देखते हैं, उससे बात करते हैं,
ये इजाजतो वाले मुझेसे कितने बेहतर हैं,
मैं तो दाग था कोई, जो मिटा दिया उसने;
गर मिटा दिया उसने, ठीक ही किया उसने;
तुमने हाल पूछा था, लो बता दिया मैंने;
जो भी कुछ बताया हैं, उसको मत बता देना;
पढ़कर रो पढ़ो तो फिर,
इन तमाम लफ्जों को बस गले लगा लेना ।

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6 JUN 2022 AT 18:59

क्या दिकश....
क्या बदसूरत....!!
हर चेहरे पर नकाब हैं,
हर शक्श बेहिजाब(बे-शर्म) हैं।

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6 JUN 2022 AT 9:46

माली चाहे कितना भी चौकना हो..,
पर फूल और तितली में रिश्ता हो जाता हैं।

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5 JUN 2022 AT 11:32

हर एक नज़र के लिए मुख्तलिफ(भिन्न) पयाम(संदेश) हैं हम,
कही हैं ज़हर का पायला कहीं पे जाम हैं हम।

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4 JUN 2022 AT 9:50

तुम मेरी फिक्र न करना हरगिज़,
मैं बहुत खुश हूं, बहुत खुश हूं यहां...!
बात करने के लिए पंछी हैं,
दर्द कहने के लिए दीवारे..
दर्द लिखने के लिए अंशू,
ख़ुद-कलामी(बातचीत) के लिए तन्हाई;
पहरेदारी के लिए साया,
कोई दुःख हैं तो बस इतना की यह...!
फूल खिलते हैं यहां पर हस्ते नहीं....।।

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3 JUN 2022 AT 11:15

कितना महरूम (बदनसीब) हूं मैं...
कितना मयस्सर (हासिल) हैं मुझे!!
जर्रा (अंश) सेहरा (वीरान) हैं मुझे..!!
क़तरा समुंदर हैं मुझे..।।

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2 JUN 2022 AT 14:09

आज उसने एक और दर्द दिया..
तो याद आया!
की मैंने ही तो दुआ में,
उसके सारे गम मांगे थे।

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