खुद को खोना बहुत आसान है यारो,
हसीं में छुपे आसूं, दर्द की पहचान है यारो,
जब तलक हैं हमारा जतन कर लो,
की इस दुनिया में शायद कुछ दिन के मेहमान है यारो।-
BEWARE!
Better stay away.
खुद से खुद का फासला कुछ इस क़दर बढ़ा इस सफ़र में,
दूसरों को पाने की ख्वाहिश में हम खुद को ही खो बैठे।-
हम में वक्त गुजर रहा है या बीतते वक्त में हम गुजर रहे है, पता नही।
खुशियां हमसे मुकर रही है या खुशियों से हम मुकर रहे है, पता नही।
आज कल का आलम तो पूछो मत यारो, उनके अंदर हम या हमारे अंदर वो मर रहे, पता नही।-
उसे खोने का आलम भी क्या खूब था,
ना रहा जा रहा था, ना कहा जा रहा था, बस जो बीत रही थी दिल पर उसको सहा जा रहा था।-
उसकी बेवक्त की रूखसती ने खाली किया इस क़दर दिल का आशियाना मेरा,
मुझे मुझमें खुद का एहसास नहीं।-
कुछ रातें यूंही आंखों पर बोझ बन जाती है,
ना जान दफ्न होती है, ना नींद आ पाती है।
हर आती हुई सांस जीने का एहसास जरूर देती है,
हर छूटती हुई सांस, उम्मीद का हर कतरा अपने साथ ले जाती है।
हर झपकती हुई पलक नींद का एहसास तो देती है,
पर अंदर का भूचाल इतना है की आंख फट से खुल जाती है।-
किसी से बदल कर मिलना पड़ता है,
किसी से मिलकर बदलना पड़ता है।
यह मतलब की दुनिया है साहब,
यहां तो अपनों से भी संभलना पड़ता है।-
है ये रात नशीली, या नशे में हम हैं?
इस धुएं में उतना नशा नही, जितने दर्द में हम है।
और कौन कमबख्त कहता है नशे से दुख दूर होते है,
नशे में ही समझ आता है जीने में कितने गम हैं।
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