Shyam Sundar   (श्याम सुंदर कुमार सिंह)
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Life is a book we have to write it in own style.
Joined 15 July 2020


Life is a book we have to write it in own style.
Joined 15 July 2020
12 MAY AT 13:11

हीर अब नहीं दिल देती किसी बेरोजगार को
अगर मोहब्बत हो रांझा को तो कमाना पड़ता है।

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8 MAY AT 14:34

दो पल सुकून चाहिए आराम नहीं,
पैर जमीन पर हो बस, चांद तारों की ख्वाहिश नहीं,
हम लड़के हैं हमारा मन रोता है आंखें नहीं ,
खुद के शौक तो होते ही नहीं,
घर-परिवार के शौक को हम जीते हैं,
इश्क लड़ाने की उम्र में हम निकल पड़ते हैं कमाने,
शौक नहीं पूरा कर पाए घर का तो सुनते पड़ते हैं तानें,
हम लड़के हैं,
रोये तो हम मर्द नहीं न रोए तो पत्थर दिल कहलाते हैं,
हम लड़के हैं,
दो पल सुकून चाहिए आराम नहीं।

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15 MAR AT 11:59

पिछले साल होली का उमंग था, 
वह होली गुजरा पहली बीवी के संग था,
रंग उड़ा गुलाल उड़ा तन पूरा सराबोर था,
पर क्या पता था किसी को की बीवी के साथ वह होली का आखिरी रंग था,
उसके लिए मैं जो हुआ बेरंग था
बेरोजगारों की टोली का एक अंग था,
इस बसंत फिर उमंग मिला 
दिल में सातों रंगों का स्वर चढ़ा, 
फिर से फगुआ का रंग उड़ा रहा हूं, 
लाल, पीला, हरा, नीला सभी रंगों को लग रहा हूं 
 इस बार की होली दूसरी बीवी के जो संग मना रहा हूं।

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4 OCT 2024 AT 15:37

हे!मां दुर्गा, काली नमन,
सारी दुनिया तेरे अंदर, मां तू ही खेल रचती है।
तुझसे ही कर्म मां, तू ही भाग्य बनाती है।
सब देवों की शक्ति तुझमें, तू शक्ति रूप कहलाती है।
तुम ही विद्या,तुम ही ज्ञान, तुझसे भक्ति और सम्मान,
तुझसे जन्मा सारा जग, तुम गोद में खिलाती हो,
तेरी निष्ठा से मोक्ष मिलता,दुनिया स्वर्ग बन जाता है।
कर असुरों का संहार बचाया स्वर्ग और संसार।
तेरी भक्ति से मां होता देवलोक और धरती का उद्धार,
और यह दुनिया बन जाता एक प्यार भरा संसार।
हे मां चंडी भवानी तुझको नमन।।

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23 SEP 2024 AT 8:51

पैसा से नहीं मन का अमीर हूं मैं,
उर्दू सीखने वाला हिंदू हूं ,मैं।।

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14 SEP 2024 AT 3:29

हम हिंद, हिंदी हमारी शान और अभिमान 

पर ना जाने कब और कैसे अंग्रेजी हुई महान।

हिंदी क्यों इतनी पिछड़ गई, अंग्रेजी आगे बढ़ गई 

जिसको देखो सूट बूट पर अंग्रेजी छांटे बाबू बनते फिरते हैं  ,

जिस हिंदी में हमें बड़ा किया उससे क्यों इतना डरते हैं।
इसी हिंदी में बचपन में मां बाप का प्यार मिला,

दादी-नानी अपनों का दुलार मिला, 

उस हिंदी को बड़े हो कर देते क्यों दूतकार यहां।

अरे छोड़ो यह जुमलेबाजी 
हिंदी में ही तुम्हें मिलेंगे संस्कार यहां।।

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12 SEP 2024 AT 11:21

सोचता हूं फरेब की दुकान खोल दूं यहां,
सच तो अब कोई लेता नहीं , थोड़ा झूठ बेच लुं‌ मैं यहां।।

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19 AUG 2024 AT 8:24

आज है राखी का त्यौहार
भाई-बहन के अनमोल रिश्तो का उपहार,
कभी झगड़ा कभी लड़ना एक दूसरे को मनना,
शाम तक एक हो जाना,
यही तो है भाई बहन के रिश्तों की असली पहचान
एक वादा है भाई का बहन से
बन रक्षा कवच साथ निभाना
होती जब कोई भाई से कभी भूल,
बहन का भाई को लाड़ से समझना,
यही तो है इस रिश्ते की मूल

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17 JAN 2024 AT 11:41

शीर्षक 'राम कहां'
कहते हैं राम को हम लाएंगे
राम को लाने से पहले मन के कोने में ढूंढो राम कहां,
राम को पढ़ो राम से सीखो श्री राम को लाने की हमारी औकात कहां।
हर घर भगवा छाएगा ऐसा एक नारा है,
भगवा कोई रंग नहीं चढ़ जाए ऐसा कोई तन नहीं
इस चढ़ने को बजरंगबली सा तेज कहां।।
कहते हैं जो राम को लायेगा हम उसको लायेगें,
राम नाम का राजनीति में कुर्सी का खेल है क्या
मैं पूछ रहा इस नारा में राम का नाम पर राम कहां।।
राम ही जग को तारे हैं वह अब हमको भी तरेंगें
पर अहिल्या जैसा सब्र कहां
क्या शबरी के खाते जूठे बेर यहां।।
राम को लाना है तो मर्यादा में रहना होगा
एक वचन पर घर छोड़ वन का वासी होना होगा।।
भरत, शत्रुघ्न और लक्ष्मण सा भाई सीता सा पत्नी दशरथ सा पिता रावण सा दुश्मन बनना होगा।।
राम वह शख्स नहीं जो मिल जाए मंदिर के चार दीवारों में,
राम को पाना है तो जटायु सा पराक्रम दिखाना होगा
भक्त हनुमान के जैसा दूसरों के नहीं खुद के सीने में राम को लाना होगा।
मंदिर है मंदिर होंगे उछलते कूदते लोगों में राम के जयकारे होंगे ,
इन जयकारों में सब कुछ होगा पर हमारे प्रभु श्री राम कहां।।




























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4 JAN 2024 AT 1:18

शीर्षक 'फेसबुक वाला प्यार'
देख कर एक तस्वीर फेसबुक पर आंख मेरा फड़क गया
यह तो है हीर मैं इसका रांझा
यह सोच मेरा तन-मन मेरा भड़क गया
अब तो होगी मेरी यही लुगाई ,
इसी बात पर मैं भैंस सा अड़ गया
अब हुई खोज आरंभ
क्योंकि पहले तो करना था उसके नंबर का प्रबंध
नंबर मिला बातचीत हुई
और शुरू हुआ हमारा प्रेम प्रसंग,
इसी बीच एक दिन वह मुझसे बोली
अब नहीं लगता मन
क्यों ना तुम और मैं भाग चले मेरे दो बच्चों के संग
यह सुनकर मेरा होश उड़ गए और मैं रह गया दंग।।





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