Shyam Gharu "Diwana"   (श्याम "दीवाना")
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दीवानगी तेरी बनी रहे श्याम "राधा-श्याम" के लिये...😊
Joined 22 April 2018


दीवानगी तेरी बनी रहे श्याम "राधा-श्याम" के लिये...😊
Joined 22 April 2018
18 MAR 2023 AT 23:48

परख
पहचान
और
कसौटी
बहुत आवश्यक है
बाहर की भी
अंदर की भी..

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3 MAR 2023 AT 11:36

वस्तुतः
लक्ष्य सदैव सकारात्मक ही होना चाहिए
अन्यथा,
दीमक भी रात-दिन कार्य करती है
पर,
वो सृजन नहीं.. विनाश ही करती है..

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2 MAR 2023 AT 12:14

शब्द.. शब्द..
बहुत करते हैं लोग
शब्द के फेर में
बहुत पड़ते हैं लोग
99% शब्द के उपरी धरातल पर
छप-छप करते हैं लोग
शब्द का मर्म नहीं
जान पाते हैं लोग
गहराई में कभी गये नहीं
सतह पर हाथ- पैर
मारते हैं लोग..

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28 FEB 2023 AT 23:39

महज़ दिखावटी प्रतीक्षा मत करना
यूँ ख़ुद को परेशान मत करना
अब मेरी उपेक्षा कर ही दी है
तो..
किंचित भी अपेक्षा मत करना..

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28 FEB 2023 AT 15:42

कोई भी 'उपेक्षा'
'आदर्श' कैसे हो सकती है
क्योंकि
उपेक्षा सदैव ही नकारात्मक है
और
आदर्श हमेशा ही सकारात्मक
अब ये अलग बात है
कि
कोई इन दोनों को मिला कर
"भेल" बना दे..

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24 FEB 2023 AT 15:50

शुद्ध प्रेम
शुद्ध घी के समान है
कोई भी हजम कर जाये
यह कभी संभव नहीं..

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16 FEB 2023 AT 11:48

सही समझ तो वही है
जो
आलोचना में छिपे "सत्य" को जान ले
और
तारीफ में छिपे "झूठ" को पहचान ले..

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15 FEB 2023 AT 17:49

सत्य का साथ ना छोड़ेंगे कभी
सच्चाई से मुँह ना मोड़े़ंगे कभी
दुनिया लाख आडम्बर रचा ले
खरी-खरी कहने से न हिचकेंगे कभी..

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10 FEB 2023 AT 12:00

बड़ी उम्र की औरत को
मैं छोटी उम्र का लड़का सदैव ही
वासनामयी दृष्टि से देखता रहा
वो भी मुस्कुराती रही सदैव
पर
एक दिन मुझे दुर्घटना में घायल देख
वो अपनी गोद में लेकर चिल्ला पड़ी
"मेरे बेटे को बचाओ.... "
यह सुनकर.. मैं अचेत होने से पहले
अपने हृदय की कलुषित वासना को धो चुका था..
मैं एक और "माँ" पा चुका था|
धन्य है वो नारी.. धन्य है वो स्त्री
जिसने मुझ अल्पवयस्क को
कलुषित वासना के गहरे गड्ढे में गिरने से
बचा लिया था..

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5 JAN 2023 AT 15:52

समय का स्वभाव है
निरंतर चलते रहना.. बदलते रहना..
एक बरस और बदल गया
पर क्या..
मनुष्य अपनी सोच बदल पाया
कदाचित् नहीं..
स्वभाव हर किसी का नहीं बदलता
जिसका बदलता है
वो कोई बिरला ही होता है.. 🙏🙏

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