भुला दो सारी रंजिशे, आ मिलो फिर से गले,
लड़ाई झगड़े अपनी जगह है, रिश्ता अपनी जगह-
Everything Changes With Time 🎯
सुनो हमने अब अपना हक जताना छोड़ दिया है,
जो खुली किताब का पन्ना था वो अब मोड़ दिया है!!-
कितना बदल गए है वो हालात की तरह
जिनको हमने रखा है एक सौगात की तरह
तलब लगी है मुसलसल उसको पाने की मगर
मसला ये है जिंदगी मिली है एक खैरात की तरह-
वस्ल ए हसी नही है हर किसी से अपना
जिसको भी मिले अपने अंदाज़ से मिले-
हर वक्त हर जगह तलाशा है मैने तुझे
ऐसे भी कोई किसी से बिछड़ता है भला..?-
एक छोटा बीज समझकर दबाने की काविश तो बहुत हुई है ’श्याम’
मगर मैं वो पेड़ हूं पत्थर को फोड़कर निकलने का हुनर मालूम है
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मैंने रखे है आज तक तेरे सारे असरार
अब तेरी यादों के साथ बढ़ने लगी इज्तिराब-
इज्ज़त की खातिर सब कुछ छोड़ दिया
सब कुछ सहेजा था वो शायद तोड़ दिया
तुम्हे मालूम था सब कुछ मेरे बारे में
फिर कैसे अकेला मुझे ऐसे छोड़ दिया ।।-
बरसो गुजर गए
पर, आज भी
सोने से पहले
सिर्फ तुम को ही
याद किया करता हूं
ये जिंदगी तुम्हारी ही
अमानत है मैं हर पल
तुम पर ही शाद किया करता हूं!!-