मैं बिछड़ कर अब तुमको मिलूंगा नहीं
जख्म जीतने दिए है सिलूंगा नही
कोई बोले मैं तुमको लिखूं बेफफा
मैं कलम तोड़ दूंगा लिखूंगा नहीं-
बरसों बाद भी यही इतिहास रहेगा।
नहीं मिट पाएगी हमारी कोई भी पहचान।
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पहले साथ जीने की आदत डालते है लोग
फिर जबरदस्ती दिल से निकलते हैं लोग-
हादसा यह मुझसे कई बार हुआ है,
टूटे हुए दिल को एहसास हुआ है।
हम बेवफा वफाओं के काबिल नहीं रहे,
अब तू रहे सलामत यह रब से दुआ है।-
कृष्णा कृष्णा कहती राधा कृष्ण नहीं पाएगी
गोपियों के साथ दौड़ी मधुबन तक आएगी
कृष्ण से बो छल करेगी कृष्ण को बो चाहेगी
दुनिया को मोह लेगी राधा अपने जाल में तो
किंतु कृष्ण को मोह नहीं पाएगी
बाजेगी बांसुरीया तो थिरकेंगे पांव उसके
खुद को बो चाह कर भी रोक नहीं पाएगी..।-
दिल करता है कभी-कभी नाचू झूमू गाउं मैं
लेकिन इतना प्यारा वातावरण कहां से लाऊं मैं
मन करता है दिल में किसी के ऐसी जगह बनाऊं मैं
जाने का रस्ता तो पता हो वापस न आ पाऊं मैं-
पता नहीं कब मिलना होगा तुमसे
कब किस्मत से जुदा हो जाएंगे
तुमको भी मुझसे प्यार होगा नेगी जी
जब हम भी बेवफा हो जाएंगे..!-
तुम मुझसे रूठ जाओ या खफा हो जाओ
मैं तुम्हारी चाहत में दीवाना ही रहूंगा
तुम चाहें बेवफा हो जाओ shubhi negi-
बादलों की तरह बरसात हुई थी शाम को
किसी को रुलाना कितना अच्छा लगता है आपको
आप नाराज हो जाती हो खामखां
समझती नहीं हो मेरी बात को
जैसे मैं तरसा हूं एक-एक पल रात को
किसी दिन तुम भी तरसोगी मेरे साथ को-
क्या तुमको भी सच बताना नहीं आता
या फिर कोई हक जताना नहीं आता
तड़पा तो लेती हो खुद तड़प कर मुझको
सताई हुई हो या सताना नहीं आता ..नेगी जी-
शुरू तूने भी क्या कहानी कर दी
आज मौसम ने मुझसे छेड़खानी कर दी
सरे बाजार में तूने जो मुझको रुसवा किया
लोग कहते हैं यह बदनामी कर दी-