पतंगे सा इश्क में फ़ना होना सीख लिया है
अब हर बार आग से मोहब्बत कर बैठती हूँ-
Likhna shauk nhi hai mera bas dil ke gam rafa d... read more
क्यों होता है ऐसा अकसर
कि ख्याबों में रहकर
हकीक़त को भूल जाते हैं हम
भूल जाते हैं कि जब ये खवाब टूटेगा
तो ये हकीकत बहुत तडपाएगी
दिन का चैन और रातों की नींद ये ले जाएगी
और फिर अंत में रास्ता तो ये हकीकत ही दिखलाएगी
आखिर क्यों भूल जाते हैं हम-
काश कोई शख्स मिले ऐसा
जो आँखे पढने का हुनर रखता हो
क्योंकि जुबां से बयाँ करने में जरा कच्ची हूँ मैं-
लोगों की जिन्दगी की किताब का
एक "किस्सा" बन कर रह गई मैं
जबकि बनना मुझे किसी की
हकीक़त का "हिस्सा" था-
बहुत कुछ पीछे छोड़कर आगे बढ़ी थी
पर अब जब पीछे मुड़कर देखती हूँ
तो लगता है गुजरा वक्त आज से
कहीं बेहतर था-
When you start loving your imperfections
Then life becomes more easy and livable-
Over the last few months
I've realized that the things I was most scared of or the things I never wanted to do
I've done them all.
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हाँ लोग करते होंगे वादे बिछड़ने के बाद
अगले जन्म में मिलने के
पर मैं यही दुआ करती हूँ कि अब
मेरी मुलाकात उससे कभी भी
किसी भी जन्म में ना हो-
यूँ तो कहने को सारा ज़हान अपना है
पर.....ये ज़हान भला चाहिए किसे
हम तो बस एक दिल की दुनिया के मोहताज हैं-
एक वक्त पर जो सबसे ज्यादा अपना था
आज उससे ज्यादा अजनबी मेरे लिए और कोई नहीं है-