तलाश तो सिर्फ शुकून की होती है...!
नाम रिश्ते का चाहे जो भी हो...!!-
जिन्दगी एक हसीन ख्वाब है,
जिसमें जीने की चाहत होनी चाहिए,
गम ख़ुद ही ख़ुशी में बदल जायेंगे,
सिर्फ मुस्कुराने की आदत होनी चाहिए…-
संवारती है सदा जिनकी चाहत मुझको...
मेरी दुआ है कि मैं हमेशा उनकी हसरतों में रहूँ...!-
जैसी भी हूं,
ख़ुद के लिए बेमिसाल हूं...
किसी को हक नहीं,
कि मेरी परख करे...!!-
दुआ है आना तुम्हारा हमारी जिन्दगी में,
मांगा सिर्फ तुम्हें है हर बन्दगी में...
तुम्हारी हंसी से दिन मेरा होता है शुरू,
हर पल हर दम तुमसे ही खुशियां मेरी होती है शुरू...!
दर्द और गम से तुम अंजान रहो,
खुशियों से तुम्हारी पहचान रहे,
हमारे तो दिल की सिर्फ इतनी सी दुआ है,
तुम्हारे चेहरे पर हमेशा एक मुस्कान रहे ...!!-
हरदम- हर पल मन में बसे रहते हो तुम
दूर रहकर भी आस-पास बने रहते हो तुम।
तुम्हें खोजती हैं मेरी व्याकुल नज़रें सदा
और तो और सितारों में भी दिख जाते हो तुम!
बेख़ुदी छायी रहती है हरदम तन- मन पर
हाय! इतना अधिक क्यों याद आते हो तुम?
वे वादियाँ और मुहूर्त घूमड़ते हैं मन में
बादल बन आँखो से बरस जाते हो तुम।
दिन तो बीत ही जाता है किसी तरह
रात में ख़्वाबों में आकर सताते हो तुम।
कभी स्माइली तो कभी इमोजी वाले मेसेज
किस किस तरह से प्यार जताते हो तुम...-
आसान नहीं है,
किरदार औरत का निभा पाना...!
एक सफ़ेद चादर है,
दाग़ पानी से भी लग जाता है...!!-
बेटी...
ईश्वर की सबसे खूबसूरत रचना
बेटी है जिसका नाम
पर न जाने क्यों लोगो ने
किया बेटी का अपमान
बेटी बेटी कहते है
समझते नहीं बेटी का अर्थ
लाड़ प्यार था जिनका हक़
बोझ समझकर पाला उसे
बिन दीया दिवाली कहाँ
बिन रंग होली कहाँ
बेटी से ही सारी खुशियां
पर जाना नहीं बेटी का मोल
बेटी का है मोल इतना
होती है वो घर की रौनक
न सिर्फ एक रिश्ते को
जोड़ती है दो परिवारों को
पापा की है जान वो
माँ की आँखों का तारा
न जाने कब मानेंगे लोग
बेटी पाना सौभाग्य हमारा...-
दम तोड देती है,
मां बाप की ममता...
जब बच्चे कहते हैं,
तुमने किया ही क्या है हमारे लिए...
देखते ही देखते जवान,
माँ-बाप बूढ़े हो जाते हैं...-
जब सारे दरवाज़े बंद हो जायें
तो प्रभु, अपना दर खुला रखना।
जब सब नज़रें फेर लें मुझसे
तुम अपनी निगाह में हमें रखना।
जब सरे- राह तपती दूपहरी हो
तुम अपनी ममता की छांव करना।
जब सब हो गए हो दूर मुझसे
बस तुम मेरे क़रीब बने रहना ।
जब दुनिया छुड़ा ले अपना हाथ
तुम हरदम मेरी बाँह थामें रखना।
जब राहों में काला घना अंधेरा हो
तुम आगे चिराग़ लेकर चलना ।
जब ग़म की काली आँधी घेर ले
तुम मुझे अपनी बाँहों में घेरना ।
जब मुश्किलें भारी व असम्भव लगें
तुम उन्हें मेरे लिए सम्भव करना ।
जब मेरी आँखे बेतरह बरस रही हों
तुम मुझे अपना रुमाल देना।
मेरी कुछ माँगे तुम्हारे वश में नहीं ,
बस डायरी में उन्हें लिख लेना।-