गौण हुए गण, मुख्य तंत्र हो गया
खादी का दास लोकतंत्र हो गया
जन जन के मन की बात यह सुनो
लोक बने स्वामी, सेवक तंत्र को चुनो
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ-
शब्दों से शिल्प गढ़ती हूँ, शब्दों की कारीग़र हूँ... read more
प्रेम पाना मेरे इख़्तियार में कहाँ था?
मेरे इख़्तियार में सिर्फ प्रेम करना था-
जिसकी रौशनी दोनों को मिलती है,,
जिसके हक़ में दुआ की जाए ,उसे भी और....
दुआ करने वाले को भी-
प्यार मेरा अमानत है
इसे प्यार से रखना
खुदा से मिली नेमत है
इसे प्यार से रखना-
इक तेरा फ़ैसला चाहिए
साथ चलना चाहता है मेरे
या मुझसे ही फ़ासला चाहिए?
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आसाँ नहीं,,,
कभी चीर सीना पर्वत का, राह बनाते हो
कभी सिया हित सागर पर सेतु बनाते हो
कभी दौड़े आते हो एक करुण पुकार पर
कृष्ण बनके तुम्हीं द्रौपदी की लाज बचाते हो
कभी भगत बनके चूमते हो फाँसी का फंदा
कभी तथागत की तरह सब त्याग जाते हो
नमन उस पुरुषार्थ को, जो प्रतिदान न चाहे
पूजनीय स्त्री को बना,नैपथ्य में रह जाते हो
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जी लूँ या तुझ पर मर जाऊँ
तू चाहे तो चमकूँ आँखों में,
चाहे तो आँसू बन झर जाऊँ-
जी लूँ या तुझ पर मर जाऊँ
तू चाहे तो चमकूँ आँखों में,
चाहे तो आँसू सा झर जाऊँ-