Shweta Sahu   (श्‍वेता साहू)
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Joined 31 July 2018


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Joined 31 July 2018
22 SEP 2021 AT 22:50

उन्हें किसी और का होते देख
ना जाने मेरी कलम रुक गयी।
उन्हें किसी और के लिए मुस्कुराता देख
ना जाने मेरी मुस्कान छुप गयी।
उनके आँखों में किसी और की तस्वीर देख
ना जाने मेरी काजल मिट गयी।
उनके किसी और के सपने में आते देख
ना जाने मेरी नींद रूठ गयी।

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4 JUN 2021 AT 21:12

एक बार अजनबी बनना चाहती हूँ,
एक बार फिर से तुमको नए सिरे से मिलाना चाहती हूँ..

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23 MAY 2021 AT 20:32

थोड़ी रफू सी कर लिजिए रिश्ते को,
जहां से बिगड़ी है वहाँ से बुन लिजिए रिश्ते को।

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6 MAY 2021 AT 20:27

उन्होंने पूछा किस शाम मुलाकात की जाए,

हमने कहा वो शाम जो कभी खत्म ना हो।

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21 FEB 2021 AT 21:44

मैं ही क्यूँ जलूं तेरे साथ किसी और के होने से,
तू भी तो डर कभी मेरा किसी और के होने से।।

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19 JAN 2021 AT 22:09

गरीबी की फटी चादर नाराज है सर्द हवाओं से,
मखमली चादर खुश है आज बड़े मकानों में।

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10 NOV 2020 AT 6:57

भीग गए बारिश में फिर भी आँखों में आंसू दिख गई,
ऊपर आसमान में देखा तो तेरे यादों की बारिश हो रही थी।

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29 OCT 2020 AT 20:53

रोशनी की चाह में अंधेरों से गले मिलाए बैठे हैं।
गुलाब की चाह में मुरझाए फूल से सुगंध लिए बैठे हैं।
टूटते तारों की चाह में आसमान से बातें करते बैठे हैं।
रंगों की चाह में तितलियों से आकर्षित हुए बैठे हैं।
और प्यार की चाह में दोस्ती निभाए बैठे हैं।

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4 OCT 2020 AT 15:18

भारत की बेटी फिर से पुकार रही है।।

एक निर्भया फिर से लड़की होने से खुद को कोश गयी ।।
एक भारतीय नारी फिर से आजादी से डर गयी ।।
एक बहन फिर से राखी वाली कलाई याद कर गयी ।।
एक परिवार की मुस्कान फिर से गुम हो गयी ।।
एक लड़की फिर से अपना कीमती गहना खो गयी ।।
भारत की मासूम फिर से हैवानियत का शिकार हो गयी।।
एक निर्भया फिर से जिंदगी की जंग से हार गयी।।

एक बेटी फिर से शस्त्रहीन है।।
एक शाम फिर से उदास है।।

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21 SEP 2020 AT 9:39

तेरी जान महबूबा है तेरी,
मेरी दुनिया तो माँ है मेरी।
तेरा ख्याल रखती है महबूबा तेरी
मेरा ख्याल रखते रखते रो देती है माँ मेरी।
तू करता है चांद से महबूबा की तारीफ
मैं करती हूँ भगवान से ऊँचा माँ की तारीफ।
तू तारों को कदमों में लाकर रख देगा महबूबा के लिए,
मैं तो अपनी सफलता को कदमों में लाकर रख दूँगी माँ के लिए ।
छोड़ देगी साथ वो तेरा अंधेरों में, माँ का हाथ कभी ना छूटेगा तकलीफों में।

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