हमें तो बातों से ज्यादा
सुनना अच्छा लगता ।
सुनने से अपना ज्ञान बढ़ता,
सामने वाला खुश भी रहता ।।-
ज़माना नहीं रहा ये,
उम्मीदें लगाने का !
अपनों से भी नहीं जब,
तब प्रश्न नहीं अनजाने का !!
उम्मीद अपने आप से ही लगायें !
भरपूर मेहनत से सफलता पायें !!-
प्रेम और सम्मान एक ही सिक्के के दो पहलू ,
त्याग और समर्पण है प्रेम के अलंकार ।
खुदगर्जी की कोई जगह ही नहीं,
प्रियतम की खुशी ही प्यार का संस्कार ।।-
वृक्षारोपण से बड़ा पुण्य नहीं,
वृक्ष काटन से बड़ा पाप ।
जिस कुदरत ने दिया सब कुछ,
उसका जतन करें हम-आप ।।-
दोनों की सोच से, है मेरी सहमति ।
इश्क में हरगिज़ न पनपे
किसी भी मन में बदनीयती ।।— % &-
सीढ़िया चढ़ कर ही मंज़िल मिला करती है,
जल्दबाजी में गिर पड़ने की सूरत बना करती है ।
पहले समझ लें एक दूजे को पूरी तरह,
फिर जीवन भर के साथ की बात बन सकती है ।।— % &-
चाहने लगे किसी को,
तो कोशिश करो कि वो,
चाहने न लगे किसी और को ।
आज नहीं तो कल,
वो तुम्हारा ही हो ।।— % &-
Sweetness in life,
Alertness of all kind,
Thinks in 360 degree,
One gets unwind,— % &-
हमें प्यार भी
अपने तरीकों से
नहीं करना है ।
अर्थात गुलामी को
ओढ़े बिछाए ही
रखना है ।।— % &-