Shweta Gautam   (Aradhya)
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Khoj jari hai abhi
Joined 17 January 2017


Khoj jari hai abhi
Joined 17 January 2017
11 APR AT 20:38

सुनो !

बस जब भी कहूं तो तुम मुड़ के देख भर लेना।

गर इतनी गुंजाइश भी बची रह गई तो..
बहुत कुछ बचा रह जायेगा।
बहुत कुछ...

आराध्या

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9 APR AT 19:09

तुम
_______
तुम..🌸
लिखकर
फिर कुछ लिखा नही जाता
इस तुम में
मेरा सब कुछ जो पूरा हो जाता है।

आराध्या

-


7 APR AT 7:45


गुमनाम से दिन
_______________________

नियति के शिकार होते है
ये गुमनाम से साधारण दिखने वाले दिन।
इनकी नियति होती है,
आना और चुप-चाप बीत जाना।

आराध्या

-


1 APR AT 22:13

कविता कुछ नहीं होती
बस कुछ सूखे आंसू,
कुछ लफ्ज़ों के लिबास में
काग़ज़ पर बिखरे होते है।

"आराध्या"

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21 MAR AT 22:21

अच्छा सुनो!

तुमको लिखना है,तुमको
पर लिख नही पाती!!!!!

ओह!
कहीं तुम ईश्वर तो नही हो !?

"आराध्या"

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16 MAR AT 0:09



एक उम्र
कुछ साल ,
कुछ महीने
कुछ घड़ियां।
और
एक प्रतीक्षा .......
तुम प्रतीक्षा हो....

आराध्या

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28 FEB AT 11:10

अजीब सी कशमकश मे रही ज़िंदगी।
जिसको पाना ही नहीं था ,जिसको पाया ही नही।
उसको खोने का ग़म ज्यादा रहा!
या
ना पाने का मलाल ज्यादा रहा !?

आराध्या

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17 JAN AT 13:31

प्रेम अल्पायु होता है!

प्रेम दो लोगों में होता ही नही, वो हर एक के भीतर
जीता है अपना जीवन।

इसलिए शायद हाथ की रेखाओं में समा जाता है।

आराध्या

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31 DEC 2023 AT 23:56

अंतिम इच्छा
_____________________


तुम....
हां तुम थे मेरी अंतिम इच्छा।
तुम जो मेरे कुछ नही थे।



आराध्या

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25 DEC 2023 AT 23:22

मैं चाहती थी हमारी
चिठ्ठियों का एक पता हो।
हमारे आंगन की धूप एक हो।
हमारे घर की एक छत हो जहां ...


ऐसा होता तो ...

ऐसा होता तो कैसा होता !?

आराध्या

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