वो अकेला था हजारों की भीड़ में,
कहने को, सुनने को ,थी हजारों बातें,
फिर वो अकेला था हजारों की भीड़ में।
परिस्थितियां चाहे जैसा भी हो,
त्रुटियां को गिनता नहीं ।
मुश्किलें जिंदगी के दावेदार है,
फिर भी निर्णय लेना भुलता नहीं ,
जिंदगी कई रंग दिखाई,
कभी हँसाई, कभी रूलाई
बदलते वक्त की गर्दिश भी थी,
एक गहरी खामोशी भी,
फिर भी हजारों सपनों को को जिन्दा रख,
एक गहरी खामोशी के संग,
वो अकेला हजारों की भीड़ में खड़ा था।।
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तुम तो मेरे स्वार्थ में कभी थे हीं नहीं,
मानती हुं ज़िन्दगी तुम्हारे हिसाब से बहुत छोटी होती है,
सबको हक़ है अपनी जिंदगी जीने का,
पर तुम तो उस रिश्ते का नाम ही मिटा दिए,
ये तो उम्मीद ना थी तुमसे।
मैंने अपने हक़ में तो कुछ भी नहीं मांगा था,
इसलिए तो अपना हक भी नहीं जताया था।
जो रास्ते अलग-अलग जा रहें थे, एक ही मंजिल की ओर,
आज मंजिल भी अलग हों गई,
चलो मान लिया,
मेरी मंजिल कुछ और है,
तुम जहां जा रहे हो, जिसके साथ जा रहे हो,
उसको मिटाते हुए मत जाना।।।।
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कुछ लोगों के जीवन का वो रास्ता बने,
जो उसके मंज़िल तक ले जाए
और वो मुक़ाम उसकी खूबसूरत पहचान बनें।।।
Kasturi-
जब बिखरते हैं, अल्फाज़ तब ग़म भी तालीम देती हैं,
गुरुर का क्या है , "जनाब ",वो तो अदब ही भुला देती है।।।-
कितनी बातें होती हैं, जिसका असर
थोड़ा ना थोड़ा पड़ता ही है।
लेकिन छोटी सी उम्मीद का बीज,
एक दिन खुशियों का विशाल
वृक्ष बन जाता है।।।-