तो क्या हुआ की कुछ ख्वाब टूट गए , तो क्या हुआ कुछ अपने रूठे, तो क्या हुआ तुम हालात से हारे मगर तुमने खुद को संभाला है ,हर मुश्किल वक्त में तुमने खुद को हसाया है,तो क्या हुआ की मंजिल दूर है , तुमने इस सफर में खुद को भी अपनाया है, तुमने खुद को भी अपनाया है
-
💫
तुम कल के हिसाब में तंग रहोगे और ये पल कल में बदल जाएगा
एक सुकून की चाहत में उस तिनके सी खुशी को अस्वीकार करके वक्त गुजर जाएगा
उनकी वृथा सुनके तुम खुद से क्यों अंजान रहोगे
खुद के मन की दशा समझो फीर नही तो उस बोझ से सब बदल जाएगा २
थाम के खुद का साथ तुम करो फिर से खुद की तलाश फिर ये पल कल का नहीं तुम्हारे मुस्कुराहट का हो जायेगा मोहताज २
-
जो मूंद ले पल भर के लिए तू आंखे तो तेरा हर ख़्वाब सजा लूं इन पलकों पे में ,एक सुकून सा मिलता है तेरी हर बातों में जैसे हो चुका हो तू मेरा बस चंद ही मुलाकातों में ,जो तू मुस्कुरा के कह दे की साथ दोगे यूं ही बस चलना तुम हाथ थामे तू हर गुजरते राहों में हर गुजरते राहों में
-
we become stronger than what we fear
your ife is gonna change like the breezes of the air
people come and others go
some will love you
some will hurt
and some won't even care
but the most important in between you should know who you are
some will build you
some will break you
but life will teach you not to care
at the end it's your battle , and your path will be right
just remember yourself that you are worth it everyday and everynight
they are illusion
and you are real
that's why you will be forever their biggest fear-
तू खास है इस बात का तुझे भी एहसास है
जो रूठ जाए किस्मत हमसे तो मनाना मुझे इसे तेरे लिए हर बार है
थाम के तेरा अब हाथ दूर तक जाना है अब तेरे बिना जीना भी कोई जीना है
हंसती हूं अब बेपरवाह मैं जैसे कोई हर जगह अब तेरा ही जिक्र है, इस बात का गुरुर है तू मेरे पास है हां तू खास है इस बात का तुझे भी एहसास-
कुछ पल मिले तो गुजार लो मुस्कुरा के अपनो के साथ तुम ठहरे रह जाओगे वक्त गुजर जाएगा और ना जाने कौन सी मुलाकात आखरी हो, गीले सिकवे रह जायेंगे और अफसोस करने के लिए सांसें कम पड़ जायेंगी
-
सवाल बहुत करती हैं ये आंखें अब जवाब नही देना है हमें, ढूंढ चुके हैं जो अब खुद को तो अब मसला उलझने का नहीं हकीकत संवारने का है हमें
-
अपनी एक राह चुन के बस उसपे बेपारवाह चलना तुम
लोग तो कहेंगे गलत हो तुम, फिर तुम ही सच हो इतना जान लेना तुम
इस दिल और दिमाग के उलझन में मत उलझना तुम खास हो और खुद के लिए हो काफी बस इतना समझना तुम
कभी थक जाओ तो सुकून की छांव में रुक के कोई जो बेमतलब साथ दे बस उसी का हाथ थामना तुम
कभी छाए उदासी तो कुछ देर आंखें नम करके फिर यूं ही मुस्कुराना तुम , यूं ही मुस्कुराना तुम
-
हर लम्हों को समेट के चलो अपने साथ, क्या पता फिर मुलाकात हो या ना हो
-
वो कहते हैं जो तुम्हरा ना हो उसे चाहों ही मत
अरे जनाब इस चाहत पे तो खुदा का जोर ना चला फिर हम तो उस राह के एक मुसाफ़िर हैं-