Shushant Kumar   (सुशांत)
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Joined 10 May 2017


Joined 10 May 2017
19 JUL 2022 AT 1:51

बिछड़ने वालों से एक बार यह भी पूछा जाए,
जो तस्वीरों साथ ली थी अब उनका क्या किया जाए

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1 MAR 2018 AT 20:04

रंग लिया है मैंने सारे रंगों में,अपने आप को,

पता नहीं कौन से रंग में, तुम्हें पसंद आ जाऊ...!!

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31 DEC 2021 AT 1:22

वक्त ऐसे ना दिया करो कि मुझे भीख लगे,
बाकी इसके अलावा जो तुम्हे ठीक लगे।

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16 DEC 2021 AT 0:34

सारे ज़माने में बाँट गया वक़्त उनका
हमारे हिस्से में सिर्फ़ बहाने आए

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13 DEC 2021 AT 23:42

शायद ज़ान बूझ कर ही रखते है दरवाज़ा खुला
शायद कोई इसी बहाने ग़म भी लूट जाए

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2 DEC 2021 AT 1:43

उन्हें शायद फिर से मोहब्बत हुई है,

दुसरी बारिश में भी मीट्टी महकती है क्या भला

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28 NOV 2021 AT 1:33

हम अधूरे लोग है जनाब,
हमारी ना नींद पूरी होती ना ख्वाब।

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28 JUN 2021 AT 0:32

आप जिसे याद करके रो रहे हो,
वो किसी ओर को खुश करके मुस्कुरा रहे है।

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17 JUN 2021 AT 2:52

बहुत थे, फिर कुछ रह गए,

जो रह गए, अब वही बहुत है।

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30 MAY 2021 AT 2:36

इश्क़ क्या देगा किसी को ज़िंदगी,
ये तो शुरू ही किसी के मरने पे होता है ।

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