अपनों को भी छोड़ा परायों को भी छोड़ा
इसकी उंगली छोड़ी उसका नाता तोड़ा
दुनियां छोड़ी आशा छोड़ी अब बताओ कहां जाओगे
अगर फिर भी राम को न पाओगे तो व्यर्थ हो जाओगे
न कोई संगी प्रेमी प्यारा न कोई तेरा जानन हारा
स्वयं की खोज में तुम हो एकान्त और शांत है जीवन तुम्हारा
अब अगर लौट आओगे तो साधो!भटक जाओगे
अगर फिर भी राम को न पाओगे तो व्यर्थ हो जाओगे
महल भी त्यागे ताज भी त्यागे जीवन के संग ओ साज भी त्यागे
अच्छे बुरे हिसाब भी त्यागे,सारे नीति रिवाज़ भी त्यागे
फ़िर जड़ भरत जैसे , किसी हिरणी के मोह में फंस जाओगे
अगर फिर भी राम को न पाओगे तो व्यर्थ हो जाओगे
अपने त्यागो सपने त्यागो मोहमयी निद्रा से जाओ
प्रकाश के तुम पीछे हो लो तमस् के आगे आगे भागो
भीतर के रसमय को वरना नहीं चख पाओगे
अगर फिर भी राम को न पाओगे तो व्यर्थ हो जाओगे
आंखें मूंदो ध्यान में बैठो चुपचाप हो शांत यूं बैठो
संकल्प विकल्प की दुनियां त्यागो सबको देकर विराम तुम बैठो
शून्य की संकुरी गली से गुजरोगे तो परम पद पाओगे
अगर फिर भी राम को न पाओगे तो व्यर्थ हो जाओगे-
Meditation is the solution of everything.
चाहने वालों की क़तार है लेकिन
मुझे समझने वाले बहुत कम हैं यही ग़म है
दो चार अपने चाहिए देने को आखिर कंधा
मेरे दो चार भी कम हैं यही ग़म है
उसकी बात में सवाल फ़िर सवाल में सवाल हैं
मेरे पास जवाब थोड़े कम यही ग़म है
अलग होकर भी उदास ही हैं दोनों जहां हमारे
मेरी आंख भी नम है उसकी आंख भी नम है यही ग़म है
सब्र के फल भी चाखे फीके ही लगे मुझको
मेरी जुबान पर मिठास थोड़ी कम है यही ग़म है
मेरी हर बात में है उसकी भलाई के निशां साहिर
उसकी हर बात में सितम है यही ग़म है
मान जाए बात मेरी ये तो करिश्मा ही समझो
समझ आए मेरी बात ये आसार भी कम हैं यही ग़म है
अंत से हुई है मेरी मोहब्बत की शुरुआत सारद
खुशी जहां से शुरू हुई वहीं ख़त्म है यही ग़म है-
उम्र गुज़री है मेरी पहाड़ों से टकराने के बाद
आज टूटा हूं जाकर दिल लगाने के बाद
बड़ा उदास हो जाता है देखकर खुश मुझको
उसके चेहरे पे खुशी आती है मुझे रुलाने के बाद
मौसमों का क्या है अपनी मिजाज में बदलते हैं
सूखते तो दरख़्त हैं मौसम बदल जाने के बाद
दाना डालने वाले जाने कैसे करें गुज़ारा अपना
पंछी तो मनमौजी है आज इस डाल कल उस पात
टूटे दिल वालों को ही चाहिए कंधे के सहारे
बेरहम दिल तो निकलते हैं बड़े ठाठ-बाठ के साथ
समय पर बात को समझना ही वाजिब है वरना
बात ख़त्म हो जाती है देर समझ आने के बाद
एक ही वहम ने मेरे, मेरी ज़िंदगी छीन ली सारद
के वो कहां खुश रह पाएगा मुझे छोड़ जाने के बाद-
मोहब्बत तो सबने
की होगी सारद
मगर अलग ही
कमाल किया उसने
पहले लिखा I love you
का मेसेज
और फ़िर send to all
किया उसने
😂🙆🙆🤣🙄😂-
जिनका प्रेम पत्र से
काम नहीं चल रहा है
वो बेल-पत्र पर ध्यान दें
हेप्पी हेप्पी सावन
🙏हर हर महादेव 🙏
🙆🤣😄🤣🙆😂-
ना चलूं तो हो जाता हूं खुद से ख़फ़ा
चलूं गर तो लोग टांग खींच लेते हैं
खुशी में पराए भी करते हैं अपनो सा व्यवहार
और दर्द में अपने भी आंखें बींच लेते हैं
खुद को बार-बार आज़माना भी एक पागलपन है
अक्लमंद तो किसी के तजुर्बे से सीख लेते हैं
ज्यादा भरोसा ना जताइये सारद राहगीरों से
हंसी की जमीं पर भी दर्द को सींच देते हैं
महीन = सूक्ष्म
दुश्मनों से डर नहीं जो खुलेआम वार करते हैं
दिल में रहने वाले हैं जो ज़ख्म महीन देते हैं
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किसी ने मुनासिब नहीं समझा किसी ने हकदार नहीं समझा
ओर क्या समझेंगे मुझको जब मुझे मेरा यार नहीं समझा
नासमझों में बने रहे हम हाकिम नाजिम
समझदारों ने कभी हमें समझदार नहीं समझा
लोग नहीं समझे तो लोगों की समझ की समझ
ऐसा नहीं कि मुझे मेरा परवरदिगार नहीं समझा
जिसके नाम कर दिया था जिंदगी का वसीयतनामा
उस दिलबर ने तो मुझे किराएदार भी नहीं समझा
हमने हर कोशिश की उसे समझाने को मोहब्बत
बड़ा पागल था वो जो मेरा प्यार नहीं समझा-
तुम्हें फूल कह दूं ....मगर उसे भी भंवरें झूठा कर देते हैं
स्वाती की बूंद कह दूं तो फिर आप से मिलना दुर्लभ हो जाएगा
तुम्हें चांद कह देते ... लेकिन उसमें भी दाग़ है
मैं सुहानी सुबह कह देता मगर वो भी धुंधली होती है
इसलिए मैं आपको अपनी आत्मा कहूंगा
क्योंकि वो हमेशा पवित्र है और हमेशा मेरे साथ रहती है
💙🩵🩷❤️❤️🩷💙💙🥰❤️🩷💙🩷🩵-
प्रत्येक व्यक्ति के मन में एक दिन में चालीस हजार विचार चलते हैं
जिनमें से लगभग 39950 विचार व्यर्थ के आते हैं
अगर इनको रोककर हम इतना परमात्मा का चिंतन करें तो अवश्य परमात्मा की प्राप्ति हो जाए-