कर जोड़ भ्रात उद्धव,
विनती एक हम आपसे करें,
ना कीजो ज्ञान ध्यान की बातें,
हम सब प्रेम कान्हा से करें,
नित मिले सुख अपार,
भले ही बैराग जोग अपनाने में,
हम खुश हैं, हैं अति प्रसन्न,
चाहे मिले कष्ट अपार कृष्ण को अपनाने में,
आप जाओ लोट ले ज्ञान,
जाए मित्र अपने कृष्ण से कहिओ,
हम न अपनाएं जोग प्रियतम जीवित,
तुम चाहे वर्ष लाख मथुरा में ही रहिओं।
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